प्रलय मिसाइल | 28 Dec 2022
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी ‘शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक सरफेस-टू-सरफेस’ (SRBM) मिसाइल प्रलय की खरीद को मंज़ूरी दी है, जो भारतीय सेना को उसकी युद्ध लड़ने की क्षमताओं हेतु सशक्त बनाएगी है।
प्रलय मिसाइल:
- परिचय:
- प्रलय’ भारत की पहली पारंपरिक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है और उत्तरी या पश्चिमी सीमाओं से किसी भी पारंपरिक मिसाइल हमले का जवाब देने में सक्षम है।
- एक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपवक्र कम होता है और यद्यपि यह काफी हद तक बैलिस्टिक मिसाइल के समान ही होती है, यह उड़ान के दौरान ‘मनूवर’ (Maneuver) में सक्षम होती है।
- बैलिस्टिक मिसाइलों को शुरू में चरणों में एक रॉकेट या रॉकेट की शृंखला द्वारा संचालित किया जाता है, लेकिन फिर यह एक शक्तिहीन प्रक्षेपवक्र का पालन करता है जो उच्च गति पर अपने इच्छित लक्ष्य तक पहुँचने के लिये नीचे की ओर झुकता है।
- मिसाइल को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम है और हवा में एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद यह अपना रास्ता बदलने की क्षमता भी रखती है।
- प्रलय’ भारत की पहली पारंपरिक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है और उत्तरी या पश्चिमी सीमाओं से किसी भी पारंपरिक मिसाइल हमले का जवाब देने में सक्षम है।
- विशेषताएँ:
- यह एक ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से संचालित है।
- मिसाइल गाइडेंस प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।
- इसकी तुलना चीन के डोंग फेंग 12 और यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में इस्तेमाल की गई रूसी इस्कंदर मिसाइल से की जा सकती है।
- यह लगभग 350 किलोग्राम से 700 किलोग्राम तक के पारंपरिक आयुध ले जाने में सक्षम है, जो इसे और भी घातक बनाता है।
- यह एक उच्च विस्फोटक पूर्वनिर्मित विखंडन आयुध, प्रवेश-सह-विस्फोट (penetration-cum-blast- PCB) और रनअवे डिनायल पेनेट्रेशन सबम्युनिशन ले जा सकती है।
- रेंज:
- इस मिसाइल की रेंज 150-500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है।
- ‘प्रलय’ सेना की सूची में सतह-से-सतह पर मार करने वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल होगी।
- सेना के पास अपने शस्त्रागार में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल भी है, जिसकी सीमा 290 किलोमीटर से अधिक है।
- महत्त्व:
- यह भारत की पहली सामरिक अर्द्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है और सशस्त्र बलों को वास्तविक युद्ध क्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों व प्रमुख प्रतिष्ठानों को नष्ट करने की क्षमता प्रदान करेगी।
- प्रलय, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के साथ भारत की नियोजित रॉकेट फोर्स योजना का आधार बनेगी।
- यह सामरिक युद्धक्षेत्र की गतिशीलता को पूरी तरह से बदल देगी और भारत के पास लंबी दूरी की दो पारंपरिक मिसाइलें होंगी।
- ब्रह्मोस एक क्रूज़ मिसाइल विकल्प होगा, जबकि ‘प्रलय’ एक बैलिस्टिक मिसाइल विकल्प होगा।
बैलिस्टिक मिसाइल बनाम क्रूज़ मिसाइल |
|
बैलिस्टिक मिसाइल |
क्रूज़ मिसाइल |
इसमें प्रक्षेप्य गति और प्रक्षेपवक्र में यात्रा गुरुत्वाकर्षण, वायु प्रतिरोध तथा कोरिओलिस बल पर निर्भर करती है। |
यह तुलनात्मक रूप से गति के लिये सीधे प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती है। |
पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जाती है और पुनः उसमें प्रवेश करती है। |
इसका उड़ान पथ पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर ही होता है। |
लंबी दूरी की मिसाइलें (300 किमी. से 12,000 किमी. तक) |
कम दूरी की मिसाइलें (1000 किमी. तक की रेंज) |
उदाहरण: पृथ्वी-I, पृथ्वी-II, अग्नि-I, अग्नि-II और धनुष मिसाइलें। |
उदाहरण: ब्रह्मोस मिसाइल |
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) |