अंतर्राष्ट्रीय संबंध
यूक्रेन का जवाबी हमला
- 15 Sep 2022
- 5 min read
प्रिलिम्स के लिये:रूस-यूक्रेन संघर्ष, खार्किव ओब्लास्ट के क्षेत्र, नाटो, मिन्स्क प्रोटोकॉल मेन्स के लिये:यूक्रेन-रूस संघर्ष एवं यूक्रेन और रूस में भारत के हित, भारत पर संघर्ष के प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यूक्रेन ने देश के उत्तर-पूर्व में जवाबी हमला किया है जिसमें आश्चर्यजनक क्षेत्रीय बढ़त देखी गई है।
- इसके बलों ने रूसी सैनिकों को खार्किव ओब्लास्ट के अधिकांश हिस्से से पीछे हटने को मजबूर कर हज़ारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है।
- यह पहली बार है जब रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से यूक्रेनी सैनिकों ने युद्ध में रूसियों को पीछे हटा दिया।
यूक्रेन ने खार्किव ओब्लास्ट में रूस को पीछे हटाया:
- रूसी सेना का ठहराव:
- जुलाई 2022 में लिसीचांस्क पर कब्ज़ा करने और पूरे लुहांस्क प्रांत को अपने नियंत्रण में लेने के बाद रूस ने युद्ध रोक दिया।
- रूस इस समय यूक्रेन के लगभग 25% हिस्से को नियंत्रित कर रहा है।
- रूसी सेनाओं के रुकने से यूक्रेन को अपनी जवाबी-आक्रामक योजनाओं के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिल गया।
- जुलाई 2022 में लिसीचांस्क पर कब्ज़ा करने और पूरे लुहांस्क प्रांत को अपने नियंत्रण में लेने के बाद रूस ने युद्ध रोक दिया।
- अमेरिका से मदद:
- हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) जैसे उन्नत मिड-रेंज रॉकेट सिस्टम।
- 5 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक की सैन्य सहायता।
- अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी यूक्रेन को रूसी रक्षा की कमज़ोर कड़ी के बारे में जानकारी प्रदान की।
- रूस पर प्रतिबंध:
- रूस को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया था कि उनकी आपूर्ति बरकरार रहे और उन्हें ईरान एवं उत्तर कोरिया की ओर रुख करना पड़ा।
- यूक्रेन के हमले:
- यूक्रेन ने दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन में हमले शुरू किये और क्रीमिया में तोड़फोड़ की जिस पर रूस ने वर्ष 2014 में कब्ज़ा कर लिया था।
- दक्षिण में यूक्रेन के हमलों का सामना करने वाले रूस ने खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया की रक्षा व्यवस्था को मज़बूत किया।
- यूक्रेन ने उत्तर-पूर्व में अपेक्षाकृत कमज़ोर रक्षा व्यवस्था को तोड़ दिया और सफलतापूर्वक रूसियों को पीछे हटा दिया।
रूस यूक्रेन संघर्ष:
- इतिहास:
- वर्ष 2014 में रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया को जल्दबाज़ी में जनमत संग्रह के लिये कहा, यह एक ऐसा कदम था जिससे पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादियों और सरकारी बलों के मध्य लड़ाई छिड़ गई थी।
- यूक्रेन ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) से गठबंधन में देश की सदस्यता के प्रयास में तेज़ी लाने का आग्रह किया।
- रूस ने इस तरह के कदम को एक "रेड लाइन" घोषित किया और अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधनों के अपने सीमा तक विस्तार के परिणामों के बारे में चिंतित था।
- इसके कारण रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान युद्ध हुआ है।
- यूक्रेन का आक्रमण:
- यह संघर्ष द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में एक राज्य द्वारा दूसरे पर किया गया सबसे बड़ा आक्रमण है और वर्ष 1990 के दशक में बाल्कन संघर्ष के बाद पहला है।
- यूक्रेन पर आक्रमण के साथ वर्ष 2014 के मिन्स्क प्रोटोकॉल और 1997 के रूस-नाटो अधिनियम जैसे समझौतों का उल्लंघन हुआ।
- अन्य देशों का पक्ष:
- वैश्विक स्तर पर:
- जी-7 देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की।
- अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू), यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
- चीन ने यूक्रेन पर रूस के कदम को "आक्रमण" कहने को खारिज कर दिया और सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया।
- जी-7 देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की।
- वैश्विक स्तर पर:
- भारत का पक्ष:
- भारत पश्चिमी शक्तियों द्वारा क्रीमिया में रूस के हस्तक्षेप की निंदा में शामिल नहीं हुआ।
- हालाँकि अगस्त 2022 में भारत ने यूक्रेन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "प्रक्रियात्मक वोट" के दौरान रूस के विरुद्ध मतदान किया।
- भारत पश्चिमी शक्तियों द्वारा क्रीमिया में रूस के हस्तक्षेप की निंदा में शामिल नहीं हुआ।