पीएम-वाणी | 30 Nov 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी/PM-WANI) ढाँचे का उद्देश्य डिजिटल इंडिया के सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस पॉइंट स्थापित करके पूरे भारत में इंटरनेट सेवाओं के प्रसार में तेज़ी लाना है।
- नवंबर 2024 तक 246,993 हॉटस्पॉट स्थापित किये जाने के साथ, यह पहल भारत के डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सस्ती और व्यापक इंटरनेट पहुँच प्रदान करना है।
पीएम-वाणी क्या है?
- दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा वर्ष 2020 में लॉन्च किये गए पीएम-वाणी फ्रेमवर्क का उद्देश्य पूरे भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट का विस्तार करना है।
- यह दुकानदारों जैसे स्थानीय व्यवसायों को वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने की अनुमति प्रदान करता है, जिससे किफायती इंटरनेट पहुँच उपलब्ध के साथ राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 के लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा।
- महत्त्व: स्थानीय व्यवसायों को लाइसेंस या शुल्क की आवश्यकता के बिना वाई-फाई प्रदाता बनने में सक्षम बनाकर, यह योजना व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देती है तथा तीव्र क्रियान्वयन सुनिश्चित करती है।
- पीएम-वाणी से इंटरनेट पहुँच में उल्लेखनीय सुधार आएगा तथा डिजिटल समावेशन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- पीएम-वाणी इकोसिस्टम:
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO): पीएम-वाणी वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना, रखरखाव और संचालन करता है।
- PDO दूरसंचार या इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से इंटरनेट बैंडविड्थ प्राप्त करके लास्ट-मील कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं तथा ग्राहकों को ब्रॉडबैंड सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO): पीएम-वाणी वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना, रखरखाव और संचालन करता है।
- पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA): PDO को प्राधिकरण और लेखांकन जैसी एकत्रीकरण सेवाएँ प्रदान करता है।
- PDOA अंतिम उपभोक्ताओं तक सेवाएँ पहुँचाने में PDO को सुविधा प्रदान करता है।
- ऐप प्रदाता: उपयोगकर्त्ताओं को पंजीकृत करने और आस-पास के PM-WANI अनुरूप वाई-फाई हॉटस्पॉट प्रदर्शित करने के लिये एक एप्लिकेशन विकसित करता है। इंटरनेट सेवा तक पहुँच प्रदान करने हेतु संभावित ब्रॉडबैंड उपयोगकर्त्ताओं को प्रमाणित करता है।
- सेंट्रल रजिस्ट्री: यह ऐप प्रदाताओं, PDOA और PDO का विवरण प्रदान करती है। वर्तमान में इसका प्रबंधन सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) द्वारा किया जाता है।
- C-DoT की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। यह दूरसंचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग का एक स्वायत्त दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास (शोध एवं विकास) केंद्र है। यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी है।
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018
- राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 का उद्देश्य डिजिटल बुनियादी ढाँचे और सेवाओं को बढ़ाकर भारत को डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था में बदलना है।
- राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 द्वारा वर्ष 2022 तक 10 मिलियन सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- मुख्य उद्देश्य: सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड पहुँच सुनिश्चित करना, चार मिलियन रोज़गार सृजित करना, डिजिटल संचार क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) योगदान को 8% तक बढ़ाना और डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करना।
- प्रमुख विशेषताएँ: इसमें सभी नागरिकों के लिये 50 MBPS की गति से ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना, जिन क्षेत्रों में सेवाएँ उपलब्ध नही है, कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना, 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करना, दस लाख व्यक्तियों को नए युग के कौशल के प्रशिक्षण प्रदान करना, शामिल है।
- राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 इंटरनेट ऑफ थिंग्स पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करने, डेटा संरक्षण स्थापित करने और डिजिटल संचार में जवाबदेही एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
- राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 और वाई-फाई हॉटस्पॉट लक्ष्य: भारत अपने सार्वजनिक वाई-फाई रोलआउट लक्ष्य से चूक गया है, नीति द्वारा निर्धारित 10 मिलियन लक्ष्य के बजाय केवल 0.5 मिलियन हॉटस्पॉट ही स्थापित कर पाया है।
नोट: भारत 6G विज़न का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 50 मिलियन सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये महत्त्वपूर्ण वृद्धि और निम्न कनेक्टिविटी लागत की आवश्यकता होगी।