पीएम-सूरज और नमस्ते योजना | 16 Mar 2024
स्रोत : द हिंदू
चर्चा में क्यों?
सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय ने 'प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान और रोज़गार आधार जनकल्याण' (पीएम-सूरज) राष्ट्रीय ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य समाज के हाशिये पर रहने वाले वर्गों को ऋण सहायता प्रदान करना है, जिसमें प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि थे।
- पीएम ने नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम योजना के तहत सफाई मित्रों (सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों) को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण वितरित किये, जो पहले हाथ से मैला ढोने वालों (मैनुअल स्कैवेंजर्स) के लिये एक पुनर्वास योजना थी।
पीएम-सूरज क्या है?
- 'पीएम-सूरज' राष्ट्रीय पोर्टल का लक्ष्य समाज के सबसे वंचित वर्गों का उत्थान करना और वंचित समुदायों के एक लाख उद्यमियों को ऋण सहायता प्रदान करना है।
- इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय एवं उसके विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- यह पोर्टल वन-स्टॉप प्वाइंट के रूप में कार्य करता है, जहाँ समाज के वंचित वर्गों के लोग आवेदन कर सकते हैं और उनके लिये पहले से उपलब्ध सभी ऋण एवं क्रेडिट योजनाओं की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं।
- पूरे देश में पहुँच सुनिश्चित करते हुए बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के वित्त संस्थानों (NBFC-MFI) और अन्य संगठनों के माध्यम से ऋण सहायता की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- NBFC MFI एक गैर-जमा स्वीकार करने वाली NBFC है जिसमें न्यूनतम निवल स्वामित्व वाली निधि (NOF) 5 करोड़ रुपए (देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पंजीकृत लोगों के लिये 2 करोड़ रुपए) है और इसकी निवल संपत्ति का कम से कम 85% "अर्हक संपत्ति (इच्छित उपयोग या बिक्री)" के रूप में है।
नमस्ते योजना क्या है?
- परिचय:
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नमस्ते योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा वर्ष 2022 में तैयार की गई एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
- इसका उद्देश्य शहरी स्वच्छता कर्मचारियों के लिये सुरक्षा, गरिमा और सतत् आजीविका सुनिश्चित करना है।
- मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास के लिये स्व-रोज़गार योजना (SRMS) का नाम बदलकर नमस्ते कर दिया गया है।
- SRMS योजना मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके आश्रितों के पुनर्वास में मदद के लिये वर्ष 2007 में शुरू की गई थी।
- नमस्ते योजना को अगले तीन वर्षों के दौरान यानी वित्त वर्ष 2025-26 तक देश के 4800 शहरी स्थानीय निकायों में लागू किया जाना है।
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्तीय विकास निगम NAMASTE की कार्यान्वयन एजेंसी है।
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- उद्देश्य:
- मैनुअल स्कैवेंजर्स (MS) और सीवर तथा सेप्टिक टैंक (SSWs) की सफाई में लगे व्यक्तियों का पुनर्वास।
- प्रशिक्षित और प्रामाणित स्वच्छता कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से सीवर तथा सेप्टिक टैंकों की सुरक्षित एवं मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देना।
- अभीष्ट परिणाम:
- भारत में स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु।
- सभी स्वच्छता कार्य औपचारिक रूप से कुशल श्रमिकों द्वारा किया जाता है।
- कोई भी सफाई कर्मचारी मानव मल के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आता है।
- स्वच्छता कार्यकर्त्ताओं को स्वयं सहायता समूहों में एकत्रित किया जाता है और उन्हें स्वच्छता उद्यम संचालित करने का अधिकार दिया जाता है।
- सीवर और SSWs तथा उनके आश्रितों को भी स्वच्छता-संबंधी उपकरणों की खरीद के लिये पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करके आजीविका तक पहुँच प्राप्त है।
- पंजीकृत कुशल और प्रामाणित स्वच्छता कार्यकर्त्ताओं से सेवाएँ लेने के लिये स्वच्छता सेवा चाहने वालों (व्यक्तियों और संस्थानों) के बीच जागरूकता में वृद्धि करना।
- SSW और मैनुअल स्कैवेंजर्स तथा उनके परिवार के सदस्यों को आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान करना।
वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिये भारत की अन्य ऋण योजनाएँ क्या हैं?
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
- राष्ट्रीय गरिमा अभियान:
- मैला ढोने की प्रथा के उन्मूलन और इस कार्य में संलग्न लोगों के लिये गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने हेतु यह एक राष्ट्रीय अभियान है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. एक राष्ट्रीय मुहीम ‘राष्ट्रीय गरिमा अभियान' चलाई गई है: (2016) (a) आवासहीन और निराश्रित लोगों के पुनर्वासन तथा उन्हें उपयुक्त जीविकोपार्जन के स्रोत प्रदान करने के लिये। उत्तर: (c) |