मंगलुरु के समुद्र तटों पर ऑलिव रिडले कछुए | 10 Feb 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
बढ़ी हुई लवणता और प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों पर नियंत्रण के परिणामस्वरूप लगभग 40 वर्षों के बाद फरवरी 2024 में कर्नाटक के मंगलुरु मंडल के समुद्र तटों पर ऑलिव रिडले कछुए (लेपिडोचिल्स ओलिवेसिया) अपने आवास स्थलों में लौट आए हैं।
- आमतौर पर प्रति साइट लगभग 150 अंडे देने वाले ओलिव रिडले कछुए ससिहिथलू और तन्नेरबावी समुद्र तटों पर घोसले स्वरुप अपने आवास स्थलों में आवासित है।
- जैतून रंग के बाह्य आवरण के कारण इन्हें ऑलिव रिडले कछुआ कहा जाता है, ये विश्व के सबसे छोटे और सबसे अधिक आबादी वाले समुद्री कछुए हैं।
- इन्हें 'अरिबाडा' नामक सामूहिक घोंसले बनाने की प्रथा के लिये जाना जाता है।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN- सुभेद्य
- वन्यजीव अधिनियम 1972- अनुसूची 1
- ये जेलीफिश का भक्षण कर जेलीफिश की आबादी को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
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