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एनआईआईओ संगोष्ठी 'स्वावलंबन'

  • 20 Jul 2022
  • 4 min read

हाल ही में प्रधानमंत्री ने नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (NIIO) संगोष्ठी 'स्वावलंबन' के दौरान 'स्प्रिंट चैलेंजेज़' का अनावरण किया।

  • 'स्प्रिंट (SPRINT) (आई-डीईएक्स, एनआईआईओ और टीडीएसी के माध्यम से आरएंडडी में पोल-वॉल्टिंग का समर्थन) चैलेंजेज़' का उद्देश्य भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का महत्त्व:

  • रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भरता के कई अवसरों के साथ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचाना गया क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था और सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।
  • विशाल मानव संसाधन, प्रतिभाशाली पूल और भारतीय सशस्त्र बलों की बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण आवश्यकताओं के चलते इसमें विकास की अपार संभावनाएँ हैं।
  • रक्षा क्षेत्र रोज़गार के अवसर पैदा कर और आयात के बोझ को कम करके राजकोष की बचत के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा।
    • एयरोस्पेस और नेवल शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री सहित रक्षा उद्योग का आकार 85,000 करोड़ रुपए (2020-21) अनुमानित किया गया था।
  • वर्तमान रूस-यूक्रेन संघर्ष भी आत्मनिर्भरता के महत्त्व को दर्शाता है। एक मज़बूत और सुसज्जित सेना किसी भी बाहरी और आंतरिक जोखिम से देश को प्रतिरक्षा प्रदान कर सकती है।
    • निजी क्षेत्र, MSME और स्टार्ट-अप की सक्रिय भागीदारी के साथ रक्षा क्षेत्र में नवाचार को iDEX पहल और 'प्रौद्योगिकी विकास कोष' के तहत कई परियोजनाओं के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।
      • 'मेक इन इंडिया' पहल के एक हिस्से के रूप में रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिये प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) की स्थापना की गई है।
    • भारतीय नौसेना ने 'क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास' (सागर) की दृष्टि के अनुरूप न केवल भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिये बल्कि अपने मित्र देशों की भी आवश्यक क्षमताओं का विकास किया है।

नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन

  • लॉन्च:
    • प्रौद्योगिकी से संबंधित अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया।
  • उद्देश्य:
    • आत्मानिर्भर भारत के विज़न को ध्यान में रखते हुए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिये नवाचार और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना।
    • यह अंतिम उपयोगकर्त्ताओं के लिये अकादमिक और उद्योग के साथ बातचीत करने हेतु समर्पित संरचनाएँ स्थापित करेगा।
  • संरचना: NIIO त्रिस्तरीय संगठन है।
    • नौसेना प्रौद्योगिकी त्वरण परिषद (N-TAC) नवाचार और स्वदेशीकरण के जुड़वाँ पहलुओं को एक साथ लाएगा और शीर्ष स्तर के निर्देश प्रदान करेगा।
    • N-TAC के तहत कार्य समूह परियोजनाओं को लागू करेगा।
    • त्वरित समय सीमा में उभरती विघटनकारी प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लिये प्रौद्योगिकी विकास त्वरण सेल (TDAC) बनाया गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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