इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

विदेशों में निवेश करने हेतु नए मानदंड

  • 23 Aug 2022
  • 5 min read

हाल ही में वित्त मंत्रालय ने नए मानदंडों का निर्धारण किया है जिसके अंतर्गत घरेलू निगमों के लिये विदेशों में निवेश करना आसान हो गया, जबकि ऋण न चुकाने एवं जाँच एजेंसियों का सामना करने वालों के लिये विदेशी संस्थाओं में निवेश करना कठिन हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • RBI द्वारा प्रशासित:
  • नो गो सेक्टर:
    • किसी भी व्यक्ति के लिये नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) अनिवार्य होगा, जिसका बैंक खाता गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत है या किसी बैंक द्वारा विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया गया है या वित्तीय सेवा नियामक, प्रवर्तन निदेशालय (ED)ा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा जाँच की जा रही है।
    • इसके अलावा, किसी भी भारतीय निवासी को उन विदेशी संस्थाओं में निवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो केंद्रीय बैंक की विशिष्ट स्वीकृति के बिना अचल संपत्ति व्यवसाय, किसी भी रूप में जुआ और भारतीय रुपए से जुड़े वित्तीय उत्पादों से संबंधित हैं।
  • 60 दिन की समय सीमा:
    • हालाँकि यदि ऋणदाता या संबंधित नियामक संस्था या जाँच एजेंसी आवेदन प्राप्त करने के 60 दिनों के भीतर NOC प्रस्तुत करने में विफल रहती है, तो यह माना जा सकता है कि उन्हें प्रस्तावित लेनदेन पर कोई आपत्ति नहीं है।
  • महत्त्व:
    • विदेशी निवेश के लिये संशोधित नियामक ढाँचा विदेशी निवेश हेतु मौजूदा ढाँचे के सरलीकरण का प्रावधान करता है और इसे वर्तमान व्यापार तथा आर्थिक गतिशीलता के साथ जोड़ा जोड़ता है।
    • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में स्पष्टता लाई गई है तथा "विभिन्न विदेशी निवेश संबंधी लेनदेन जो पहले अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत थे, अब स्वचालित मार्ग के अंतर्गत होंगे, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

Q. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते है, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? (2019)

(a) जमा प्रमाण-पत्र
(b) वाणिज्यिक पत्र
(c) वचन-पत्र (प्रॉमिसरी नोट)
(d) सहभागिता पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • एक पार्टिसिपेटरी नोट या पी-नोट एक पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) द्वारा एक विदेशी निवेशक को जारी किया गया एक उपकरण है, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बाज़ार नियामक के साथ खुद को पंजीकृत किये बिना भारतीय शेयर बाज़ारों में निवेश करना चाहता है।
  • जमा प्रमाणपत्र एक निश्चित परिपक्वता तिथि और निर्दिष्ट निश्चित ब्याज दर वाला एक बचत प्रमाणपत्र है जिसे न्यूनतम निवेश आवश्यकताओं के अलावा किसी भी मूल्यवर्ग में जारी किया जा सकता है।
  • वाणिज्यिक पत्र एक असुरक्षित मुद्रा बाज़ार साधन है जो एक वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है। यह भारत में वर्ष 1990 में पेश किया गया था ताकि उच्च श्रेणी के निगम उधारकर्त्ताओं को अल्पकालिक उधार के अपने स्रोतों में विविधता लाने और निवेशकों को एक अतिरिक्त साधन प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके।
  • एक प्रॉमिसरी नोट एक वित्तीय साधन है जिसमें एक पार्टी (नोट जारीकर्त्ता या निर्माता) द्वारा किसी अन्य पार्टी (नोट के प्राप्तकर्त्ता) को एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिये एक लिखित वादा होता है, जिसे या तो मांग पर या किसी निर्दिष्ट भविष्य की तारीख पर चुकाना होता है।

अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2