नेपाल की मुद्रा पर भारतीय क्षेत्रों का चित्रण | 07 May 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में नेपाल सरकार ने 100 रुपए के नए नोट की छपाई की घोषणा की है, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी क्षेत्रों को देश के मानचित्र में दिखाया जाएगा। नेपाल के इस तरह के कार्य को भारत पहले ही ‘कृत्रिम विस्तार’ (Artificial Enlargement) और ‘असमर्थनीय’ (Untenable) करार दे चुका है।
भारत ने नेपाल के निर्णय पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है तथा भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि इससे स्थिति या वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।
भारत और नेपाल के बीच किन क्षेत्रों को लेकर सीमा-विवाद है?
- परिचय:
- वर्तमान में भारत व नेपाल के मध्य कालापानी-लिंपियाधुरा-लिपुलेख त्रि-जंक्शन और सुस्ता क्षेत्र (पश्चिमी चंपारण ज़िला, बिहार) को लेकर सीमा विवाद है।
- कालापानी-लिंपियाधुरा-लिपुलेख त्रि-जंक्शन (कालापानीक्षेत्र):
- यह नेपाल के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित 35 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है, जो उस त्रि-जंक्शन के पास है जहाँ भारत, नेपाल और चीन की सीमाएँ मिलती हैं।
- कालापानी एक घाटी है जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के एक हिस्से के रूप में भारत द्वारा प्रशासित है। यह कैलाश मानसरोवर मार्ग पर स्थित है।
- कालापानी 20,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है और उस क्षेत्र के लिये एक निगरानी चौकी के रूप में कार्य करता है।
- कालापानी क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच सीमा निर्धारण काली नदी द्वारा होता है।
- नेपाल साम्राज्य और ब्रिटिश भारत (एंग्लो-नेपाली युद्ध के बाद) ने वर्ष 1816 में सुगौली की संधि पर हस्ताक्षर किये थे।
- संधि में काली नदी (या महाकाली नदी) को नेपाल की पश्चिमी सीमा निर्धारित किया गया।
- संधि द्वारा काली नदी के पूर्व की भूमि नेपाल के नियंत्रण में आ गई, जबकि नदी के पश्चिम का क्षेत्र ब्रिटिश भारत (वर्तमान भारत) का हिस्सा बन गया।
- काली नदी के उद्गम स्थल के निर्धारण में विसंगति के कारण भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद उत्पन्न हो गया तथा दोनों देश अपने-अपने दावों के समर्थन में विभिन्न मानचित्र प्रस्तुत करते रहे।
- कालापानी क्षेत्र पर भारत और नेपाल के दावे:
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नेपाल का रुख:
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नेपाल के दावों के अनुसार, काली नदी का उद्गम लिपुलेख दर्रे के उत्तर-पश्चिम में लिम्पियाधुरा की एक धारा से होता है।इस प्रकार कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख नदी के पूर्व में स्थित हैं और नेपाल के धारचूला ज़िले का हिस्सा हैं।
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वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद राजा महेंद्र ने कालापानी का क्षेत्र भारत को देने का प्रस्ताव रखा था, जो चीन से
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खतरे को देखते हुए भारत की सुरक्षा में मदद करना चाहते थे।
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भारत का रुख:
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भारत का दावा है कि काली नदी का उद्गम लिपुलेख दर्रे के काफी नीचे स्थित झरनों से होता है, जिससे कालापानी क्षेत्र प्रभावी रूप से भारत के नियंत्रण में आ जाता है।
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सुगौली की संधि इन धाराओं के उत्तर में स्थित क्षेत्रों का सीमांकन नहीं करती है।
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उन्नीसवीं सदी के प्रशासनिक और राजस्व अभिलेखों से भी पता चलता है कि कालापानी भारत का क्षेत्र था और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले का भाग माना जाता था।
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सुस्ता क्षेत्र:
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सुगौली की संधि ने गंडक नदी को भारत और नेपाल के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रूप में परिभाषित किया।
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नदी का दक्षिणी तट नेपाल के नियंत्रण में था जबकि बायाँ तट भारत के नियंत्रण में था।
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संधि पर हस्ताक्षर किये जाने के समय सुस्ता गाँव दाएँ तट पर था और यह नेपाल का भाग था।
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हालाँकि, विगत कुछ वर्षों में गंडक नदी के अपवाह मार्ग में परिवर्तन के परिणामस्वरुप सुस्ता क्षेत्र बाएँ तट पर चला गया और अब यह भारत के नियंत्रण में है।
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निष्कर्ष:
- यद्यपि दोनों देश अपने दावों के समर्थन में सुगौली संधि के ऐतिहासिक दस्तावेज़ और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान अभी भी कठिन बना हुआ है
- रचनात्मक वार्ता और साझा पृष्ठभूमि तैयार करने की आकाँक्षा लंबे समय से चले आ रहे इस मुद्दे को सुलझाने तथा नेपाल व भारत के बीच मज़बूत संबंधों को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? उत्तर: (c) |