प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति
- 19 Dec 2024
- 5 min read
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत सरकार ने वन्यजीवों के समक्ष आने वाले स्वास्थ्य खतरों से निपटने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति प्रस्तावित की है।
प्रस्तावित राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति क्या है?
- परिचय:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, प्राणि उद्यानों और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों को शामिल करते हुए एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- नीति विकास को IIT बॉम्बे स्थित GISE हब और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय जैसे संस्थानों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- यह नीति भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2017-31) और वन हेल्थ नीति की पूरक होगी, जिसका उद्देश्य लोगों, पशुओं तथा पर्यावरण के बीच परस्पर निर्भरता को मान्यता देकर उनके स्वास्थ्य को अनुकूलित करना है।
- राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2017-31) में 103 संरक्षण कार्यों और 250 परियोजनाओं की रूपरेखा दी गई है।
- इनमें बाघ अभयारण्यों, संरक्षित क्षेत्रों और वनों में रोग निगरानी के लिये एक मानक प्रोटोकॉल बनाना, साथ ही जंगली जानवरों की मृत्यु तथ इच्छामृत्यु के लिये कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल स्थापित करना शामिल है।
- नीति में वन्यजीव रोगाणु जोखिम प्रबंधन, रोग प्रकोप की तैयारी और प्रतिक्रिया, तथा जैव सुरक्षा जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।
- नीति का उद्देश्य वन्यजीव रोगों और स्वास्थ्य प्रबंधन रणनीतियों पर केंद्रित अनुसंधान एवं विकास पहल को बढ़ावा देना है।
- वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन में शामिल हितधारकों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाना।
- वर्तमान वन्यजीव स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियाँ:
- भारतीय वन्यजीव विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें संक्रामक रोग (कैनाइन डिस्टेंपर वायरस), आवास की क्षति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और अवैध गतिविधियाँ शामिल हैं।
- यह नीति इसलिये आवश्यक है क्योंकि भारत में वन्यजीवों की 91,000 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, तथा यहाँ राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और बायोस्फीयर रिज़र्वों सहित 1,000 से अधिक संरक्षित क्षेत्र हैं।
- भारतीय वन्यजीव विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें संक्रामक रोग (कैनाइन डिस्टेंपर वायरस), आवास की क्षति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और अवैध गतिविधियाँ शामिल हैं।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण
- केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CJZA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वर्ष 1992 में स्थापित किया गया था।
- इसकी अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री करते हैं तथा इसमें 10 सदस्य और एक सदस्य-सचिव होते हैं।
- इसका उद्देश्य समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयास को पूरक और मज़बूत बनाना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. यदि किसी पौधे की विशिष्ट जाति को वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची VI में रखा गया है, तो इसका क्या तात्पर्य है? (2020) (a) उस पौधे की खेती करने के लिये लाइसेंस की आवश्यकता है। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा भौगोलिक क्षेत्र की जैवविविधता के लिये खतरा हो सकता है? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करे सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: A |