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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना’ के प्रमुख तत्त्वों पर प्रकाश डालें।

    15 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    प्रश्न सीधा है, ‘तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना’ के प्रमुख तत्त्वों की चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    वन मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना’ का परिचय लिखें।

    कार्य योजना की विशेषताएँ एवं लक्ष्य बताते हुए निष्कर्ष लिखें।

    देश में वन्यजीव संरक्षण के लिये फरवरी 2016 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना का अनावरण किया। यह कार्ययोजना वर्ष 2017-31 तक के अवधि की देश में वन्यजीव संरक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। यह इस तरह की तीसरी कार्ययोजना है। प्रथम 1983-2001 और द्वितीय 2002-2016 की अवधि में लागू हुई थी। वर्तमान कार्ययोजना  का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और वन्यजीव आयोजना, तटीय क्षेत्रों का संरक्षण एवं जलीय पारिस्थितिकी के मध्य समन्वय स्थापित करना है।

    इस योजना के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित रूप से समझे जा सकते हैं-

    • यह प्रथम कार्ययोजना है, जिसमें जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सम्मिलित किया गया है और वन्यजीव संरक्षण योजनाओं के साथ इसको समन्वित किया गया है।
    • इस योजना में उपस्थित खतरों से निपटने एवं सुभेद्य वन्यजीव एवं वनस्पतियों के संरक्षण के लिये व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने पर ज़ोर दिया गया है।
    • यह कार्ययोजना मानव-पशु संघर्ष की समस्या के निराकरण के लिये भी संस्थागत प्रयास करती है।
    • नवीन योजना के तहत् सामाजिक भागीदारी को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा। इसमें पर्यावरणीय शिक्षा, प्रशिक्षा, नवाचार आदि को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
    • वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण परिवर्तन एकीकरण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।

    इस प्रकार निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि तीसरी राष्ट्रीय वन्यजीव कार्ययोजना समग्र दृष्टिकोण के आधार पर बनाई गई है। यद्यपि इसमें अवसंरचनात्मक विकास, पर्यावरण मंज़ूरी आदि विवादों के निपटान हेतु पर्याप्त अभियांत्रिकी की परिकल्पना का अभाव है, तथापि यह एक प्रगतिशील और समावेशी कार्ययोजना है जिसका भविष्य में देश के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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