राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन-ID | 16 May 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में केंद्र सरकार ने भारत में अंग प्रत्यारोपण से संबंधित कानूनों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है।
- केंद्र ने राज्यों से राज्य में विदेशी नागरिकों के संबंध में प्रत्यारोपण की जाँच के लिये मानव अंग और ऊतक प्रतिरोपण अधिनियम (THOTA), 1994 के तहत उचित प्राधिकारी को निर्देश देने का आग्रह किया है।
- इसने राज्यों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि जीवित-दाता और मृत-दाता दोनों के अंगों के प्रत्यारोपण हेतु दाता व प्राप्तकर्त्ता के लिये एक NOTTO (राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रतिरोपण संगठन- National Organ & Tissue Transplant Organisation) ID बनाया जाए।
- मृतक-दाता प्रत्यारोपण के मामले में अंगदान पर विचार करने के लिये NOTTO-ID अनिवार्य है।
- केंद्र ने निर्देश दिया है कि जीवित-दाता प्रत्यारोपण के मामले में भी यह ID प्रत्यारोपण सर्जरी होने के बाद जल्द-से-जल्द, अधिकतम 48 घंटों के भीतर तैयार की जाएगी।
- भारतीय कानून के अनुसार, देश में अंग के वाणिज्यिक व्यापार की अनुमति नहीं है।
- किसी जीवित व्यक्ति द्वारा अंगदान तभी किया जा सकता है जब वे (दाता तथा प्राप्तकर्त्ता) आपस में निकट संबंधी हों या नज़दीकी रिश्ते में हों और निस्वार्थ भाव से अंगदान करना चाहते हों।
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