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राष्ट्रीय ध्वज दिवस

  • 22 Jul 2024
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

भारत का राष्ट्रीय ध्वज दिवस देश को अंग्रेज़ों से स्वतंत्रता मिलने (15 अगस्त 1947) से कुछ दिन पहले , 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अपनाए जाने की याद में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय ध्वज दिवस क्या है?

  • परिचय:
  • संकल्प और महत्त्व:
    • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, "यह संकल्प लिया गया है कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज गहरे केसरिया (केसरी), सफेद और गहरे हरे रंग का समान अनुपात में क्षैतिज तिरंगा होगा।
      • सफेद पट्टी के बीच में चरखे को दर्शाने के लिये गहरे नीले रंग का एक चक्र होगा। इस चक्र का डिज़ाइन अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ पर बने चक्र जैसा होगा।
      • चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होगा। ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात सामान्यतः 2:3 होगा।
    • सभा ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिससे ब्रिटिश शासन के अंत के साथ स्वतंत्रता और भविष्य की समृद्धि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।

History_of_National_flag

राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित कानून क्या हैं?

  • परिचय:
  • भारतीय ध्वज संहिता, 2002:
    • प्रावधान:
      • जब भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है, तो यह सम्मान की स्थिति में होना चाहिये।
      • क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित ध्वज को नहीं फहराना चाहिये और उसका पूरी तरह से निजी तौर पर निस्तारण कर दिया जाना चाहिये।
        • क्षतिग्रस्त तिरंगे का निस्तारण करने के लिये दो स्वीकृत तरीके हैं, या तो उसे दफनाना या जलाना। राष्ट्रीय ध्वज का निस्तारण करते समय हमेशा इसकी गरिमा बनाए रखी जानी चाहिये।
      • ध्वज को किसी अन्य ध्वज के साथ एक ही मास्टहेड/मस्तूल शिखर द्वारा नहीं फहराया जाना चाहिये।
      • ध्वज को ध्वज संहिता के भाग III की धारा IX में उल्लिखित गणमान्य व्यक्तियों, जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि के अतिरिक्त किसी भी अन्य वाहन पर नहीं फहराया जाना चाहिये।
      • किसी अन्य ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर या उसके बगल में नहीं रखा जाना चाहिये
      • कोई भी सार्वजनिक सदस्य, कोई निजी संगठन या कोई शैक्षणिक संस्थान राष्ट्रीय ध्वज के गौरव और सम्मान के अनुरूप सभी दिनों एवं अवसरों पर, औपचारिक या अन्यथा, राष्ट्रीय ध्वज फहरा/प्रदर्शित कर सकता है।
    • हाल में हुए संशोधन:
      • भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में वर्ष 2021 में संशोधन करके पॉलिएस्टर या मशीन से बने ध्वज को अनुमति दी गई और फिर वर्ष 2022 में ध्वज को दिन-रात फहराने की अनुमति दी गई।
      • भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में दो बार संशोधन किया गया: एक बार वर्ष 2021 में पॉलिएस्टर या मशीन से बने ध्वज को अनुमति देने के लिये और फिर वर्ष 2022 में ध्वज को दिन एवं रात दोनों समय फहराने की अनुमति देने हेतु।
      • राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होगा। ध्वज किसी भी आकार का हो सकता है, लेकिन ध्वज की लंबाई और ऊँचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होना चाहिये।
  • राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971:
    • कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या भारत के संविधान या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास से या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

और पढ़ें : भारत का राष्ट्रीय ध्वज

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स :

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन अंग्रेज़ी में प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतों के अनुवाद 'सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न' से संबंधित है? (2021)

(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) मोहनदास करमचंद गांधी
(d) सरोजिनी नायडू

उत्तर: (c)


प्रश्न: भारत के राष्ट्रीय ध्वज में धर्मचक्र में तीलियों की संख्या कितनी है? (2008)

(a) 16 
(b) 18 
(c) 22 
(d) 24

उत्तर: (d)

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