प्रारंभिक परीक्षा
नमामि गंगे कार्यक्रम
- 11 Mar 2025
- 7 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
नमामि गंगे कार्यक्रम (NGP) की सहायता से पवित्र नदी गंगा का संरक्षण करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की गई है।
- इसे वर्ष 2014 में 20,000 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ वर्ष 2021 तक पाँच वर्षों की अवधि के लिये लॉन्च किया गया था, और वर्तमान में इसे 22,500 करोड़ रुपए (कुल: 42,500 करोड़ रुपए) के साथ मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
नमामि गंगे कार्यक्रम क्या है?
- परिचय: यह प्रदूषण को कम करने, जल की गुणवत्ता में सुधार लाने और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल कर गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिये एक प्रमुख कार्यक्रम है।
- कार्यान्वयन: गंगा नदी के संरक्षण हेतु पाँच स्तरीय संरचना।
- NGP के 8 स्तंभ:
- प्रमुख हस्तक्षेप:
- प्रदूषण उपशमन (निर्मल गंगा): उद्योगों और आवासों से निकलने वाले अपशिष्ट में कमी लाते हुए वाहित मल शोधन संयंत्र (STP) स्थापित करना।
- पारिस्थितिकी और प्रवाह में सुधार (अविरल गंगा): जल संरक्षण उपायों के क्रियान्वन के साथ प्राकृतिक प्रवाह और जैवविविधता को बहाल करना।
- जन-नदी संपर्क (जन गंगा) का सुदृढ़ीकरण: संरक्षण प्रयासों में स्थानीय हितधारकों को शामिल करते हुए सामुदायिक सहभागिता और जागरूकता को बढ़ावा देना।
- अनुसंधान और नीति को सुविधाजनक बनाना (ज्ञान गंगा): साक्ष्य-आधारित नीतियाँ तैयार करते हुए वैज्ञानिक अनुसंधान और अध्ययन का समर्थन करना।
- कार्यान्वयन: हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत, विजेता बोलीदाता द्वारा एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) (विशिष्ट उद्देश्य हेतु गठित संस्था) द्वारा STP के विकास, संचालन और रखरखाव का कार्य किया जाता है।
- लागत का 40% निर्माण के बाद और 60% परियोजना की पूरी अवधि के दौरान भुगतान किया जाता है।
- मुख्य उपलब्धियाँ:
- प्रदूषण में कमी: वाहित मल शोधन क्षमता वर्ष 2014 से पूर्व की क्षमता से 30 गुना अधिक हो गई।
- जल गुणवत्ता में सुधार: उत्तर प्रदेश में जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जो BOD 10-20 mg/l (2015) से बढ़कर 3-6 mg/l (2022) हो गई है, बिहार में 20-30 mg/l (2015) से बढ़कर 6-10 mg/l (2022) हो गई है तथा पश्चिम बंगाल में 10-20 mg/l (2018) से बढ़कर 6-10 mg/l (2022) हो गई है।
- बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) जल में कार्बनिक पदार्थों को अपघटित करने के लिये सूक्ष्मजीवों द्वारा आवश्यक ऑक्सीजन को मापता है। उच्च BOD का अर्थ है अधिक प्रदूषण; निम्न BOD का अर्थ है स्वच्छ जल।
- जैवविविधता पर प्रभाव: बिठुरा से रसूला घाट (प्रयागराज), बाबाई और बागमती नदियों जैसे नए हिस्सों में देखे जाने के साथ, गंगा नदी डॉल्फिन की आबादी वर्ष 2018 में 3,330 से बढ़कर वर्ष 2024 में 3,936 हो गई।
- वैश्विक मान्यता: दिसंबर 2022 में, पारिस्थितिक तंत्र पुनर्बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक ने NGP को शीर्ष 10 विश्व बहाली प्रमुख पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी।
- इंटरनेशनल वॉटर एसोसिएशन ने NGP को क्लाइमेट स्मार्ट यूटिलिटी के खिताब से सम्मानित किया।
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गंगा नदी का महत्त्व
- भारत की जीवन रेखा: 11 राज्यों की 47% आबादी को सहायता प्रदान करती है।
- कृषि एवं अर्थव्यवस्था: बेसिन का 65.57% भाग कृषि के लिये उपयोग किया जाता है।
- सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्त्व: विभिन्न धर्मों के लाखों लोगों के लिये पवित्र।
- जल की कमी: गंगा नदी बेसिन भारत में दूसरा सबसे अधिक जल संकटग्रस्त क्षेत्र है, जहाँ प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक वर्षा जल का केवल 39% ही प्राप्त होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी, 'राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण [National Ganga RiverBasin Authority (NGRBA)]' की प्रमुख विशेषताएँ हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। (a) केवल 1 और 2 प्रश्न . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |