प्रारंभिक परीक्षा
मोल्नुपिरवीर : कोविड -19 हेतु एक औषधि
- 05 Nov 2021
- 3 min read
हाल ही में एक ओरल ड्रग मोल्नुपिरवीर (Molnupiravir) के तीसरे चरण के परीक्षण में दावा किया गया है कि यह कोविड-19 रोगियों में अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को 50 फीसदी तक कम कर सकती है।
- भारत में ऑप्टिमस ग्रुप ने हाल ही में तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षणों के परिणामों की घोषणा की, जिसमें पाया गया कि 91.5% रोगियों ने आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) का परीक्षण किया, जो नकारात्मक था।
प्रमुख बिंदु
- मोल्नुपिरवीर:
- यह व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीवायरल दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है जिसे न्यूक्लियोसाइड एनालॉग्स (Nucleoside Analogues) कहा जाता है।
- वे वायरल आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) पोलीमरेज़ के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं - जो एंजाइम होते हैं जिनसे संक्रमित कोशिकाओं में नए वायरल आरएनए बनते हैं।
- आरएनए राइबोन्यूक्लियोटाइड्स का एक बहुलक और एक महत्त्वपूर्ण जैविक मैक्रोमोलेक्यूल है जो सभी जैविक कोशिकाओं में मौजूद होता है।
- यह मुख्य रूप से प्रोटीन के संश्लेषण में शामिल होता है, जो डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) से संदेशवाहक निर्देशों को ले जाता है, जिसमें स्वयं जीवन के विकास और रखरखाव के लिये आवश्यक आनुवंशिक निर्देश होते हैं।
- यह वायरस को अपने स्वयं के आरएनए की प्रतिलिपि बनाते समय त्रुटियों को उत्पन्न करने का काम करता है, जो उत्परिवर्तन को उजागर कर प्रतिकृति को रोकता है।
- शुरू में इन्फ्लूएंज़ा वायरस के लिये एक दवा के रूप में इसका आविष्कार किया गया था।
- क्रियाविधि:
- ये औषधि मानव कोशिकाओं के अंदर वायरस की प्रतिकृति की प्रक्रिया को रोकने का काम करती हैं।
- एक वायरस एक जैविक एजेंट होता है जो एक मेज़बान सेल के अंदर आत्म-प्रतिकृति बना सकता है। वायरस द्वारा संक्रमित कोशिकाएँ असाधारण दर पर मूल वायरस की हज़ारों नई क्लोनिंग तैयार कर सकती हैं।
- यह महत्त्वपूर्ण एंजाइमों को बदल देता है जो मानव शरीर की कोशिकाओं में प्रतिकृति हेतु वायरस के लिये आवश्यक होते है।
- अभी तक औषधि के लिये आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण की प्रतीक्षा की जा रही है, लेकिन वर्तमान में 5 दिनों के अंतराल पर दवा की एक खुराक ली जा सकती है।