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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

COVID-19 के लिये एंटीबॉडी किट

  • 28 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद

राइबोन्यूक्लिक एसिड, आरटी-पीसीआर टेस्ट

मेन्स के लिये

COVID-19 से निपटने के लिये भारत सरकार द्वारा किये गए प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR)  ने COVID-19 संक्रमण के निदान हेतु संदिग्ध रोगियों की जांच में मदद करने के लिये विनिर्माताओं को 5 लाख एंटीबॉडी किट आपूर्ति करने के लिये आमंत्रित किया।

प्रमुख बिंदु:

  • COVID-19 के परीक्षण के लिये एंटीबॉडी परीक्षण एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया के रूप में कार्य करेगा जो कुछ घंटों में ही त्वरित परिणाम देगा।
  • एंटीबॉडी परीक्षण वायरस के कारण शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया का पता लगाता है। यह एक संकेत देता है कि व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया है या नहीं।
  • यदि परीक्षण सकारात्मक है तो स्वाब (Swab) एकत्र किया जाता है और पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction- PCR) किट का उपयोग करके एक राइबोन्यूक्लिक एसिड (Ribonucleic Acid- RNA) परीक्षण  किया जाता है। इसलिए यह परीक्षण दो चरणों में संपन्न होता है।

राइबोन्यूक्लिक एसिड (Ribonucleic Acid- RNA):

  • RNA सभी जीवित कोशिकाओं में पाया जाता है। यह डीएनए से निर्देश लेता है जो प्रोटीन के संश्लेषण को नियंत्रित करता है।
  • यह मुख्य रूप से प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है। डीएनए (Deoxyribonucleic acid- DNA) से से ही RNA का संश्लेषण होता है यह डीएनए के निर्देशों द्वारा नियंत्रित होता है जिसमें जीवन के विकास एवं रखरखाव के लिये आवश्यक आनुवंशिक निर्देश शामिल होते हैं।
  • कुछ वायरस में डीएनए के बजाय RNA आनुवंशिक सूचना का वहन करता है।
  • हालाँकि एंटीबॉडी परीक्षण यह निश्चित रूप से संकेत नहीं देता है कि कोई व्यक्ति COVID-19 संक्रमण से संक्रमित है कि नहीं। इसका उपयोग मात्र स्क्रीनिंग के लिये किया जाता है।
  • वर्तमान में COVID-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये भारत केवल पारंपरिक आरटी-पीसीआर (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) परीक्षण कर रहा है।

एंटीबॉडी किट बनाम आरटी-पीसीआर टेस्ट (Antibody Kit vs RT-PCR Test):

  • RT-PCR परीक्षण RNA से संबंधित वायरस आनुवंशिक सामग्री का पता लगाता है। जबकि एंटीबॉडी परीक्षण वायरस से संबंधित शरीर की प्रतिक्रिया का पता लगाता है।
  • RT-PCR प्रत्यक्ष प्रमाण प्रदान करता है जबकि एंटीबॉडी किट अप्रत्यक्ष साक्ष्य प्रदान करते हैं।

एंटीबॉडी किट की आवश्यकता क्यों?

  • जहाँ लोगों की संख्या अधिक है वहाँ RT-PCR परीक्षण किट की कमी को देखते हुए एंटीबॉडी परीक्षण किट का प्रयोग किया जायेगा।
  • RT-PCR परीक्षण अत्यधिक जटिल, महंगा तथा अधिक समय लेता है। जिससे जाँच में तेज़ी नहीं आती है परिणामतः संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
    • दक्षिण कोरिया जैसे कुछ देशों में एंटीबॉडी परीक्षण का प्रयोग किया गया था जिसके सकारात्मक परिणाम आए थे।
    • दक्षिण कोरिया में यात्रा करने एवं सामूहिक संपर्क में आने वाले लोगों की जाँच के लिये एंटीबॉडी किट का प्रयोग किया जा रहा है।
    • दक्षिण कोरिया में एंटीबॉडी किट का प्रयोग करके बड़ी संख्या में संदिग्ध मरीज़ों को संपर्क अनुरेखण (Contact Tracing) द्वारा खोजा जा रहा है।

संपर्क अनुरेखण (Contact Tracing):

  • संपर्क अनुरेखण संक्रमित व्यक्तियों से अन्य लोगों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लोगों की पहचान करने, आकलन करने और उन्हें प्रबंधित करने की प्रक्रिया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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