भारतीय रेलवे का मास्टर क्लॉक सिस्टम | 29 Aug 2024
स्रोत द: हिंदू
भारतीय रेलवे अपने परिचालन में समय को समन्वित करने के लिये एक मास्टर क्लॉक सिस्टम (Master Clock System) विकसित करने की तैयारी कर रहा है, जिससे सुरक्षा और दुर्घटना जाँच में चुनौतियों का समाधान हो सके।
- वर्तमान में समय की गणना मैन्युअल तरीके से की जाती है, जिससे जोनल रेलवे में विसंगतियाँ होती हैं। यह विसंगति उन रेल दुर्घटनाओं की जाँच को जटिल बनाती है, जहाँ सटीक समय सीमा आवश्यक है।
मास्टर क्लॉक की मुख्य विशेषताएँ:
- इन डिजिटल घड़ियों में ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) के माध्यम से सटीक समय-निर्धारण के लिये जीपीएस समन्वय होगा, सभी स्टेशनों पर एक समान डिजाइन होगा, और ये प्लेटफॉर्म तथा कार्यालय क्षेत्रों दोनों के लिये उपयुक्त होंगी।
- इनमें जीपीएस रिसीवर, NTP सिंक्रोनाइजेशन, LED रोशनी शामिल है तथा ये निगरानी के लिये अलार्म भी भेज सकते हैं।
- NTP सिंक्रोनाइजेशन में नेटवर्क टाइम प्रोटोकॉल (NTP) का उपयोग करके नेटवर्क पर उपकरणों के बीच घड़ियों को एक मानक समय स्रोत, आमतौर पर यूनिवर्सल टाइम कोऑर्डिनेशन (Universal Time Coordinated- UTC) के साथ संरेखित करना शामिल है, जिससे सटीक समय-पालन सुनिश्चित होता है।
- मास्टर क्लॉक सिस्टम की आवश्यकता:
- सुरक्षा: दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने और घटना क्रम को समझने के लिये सटीक समय का रिकॉर्ड महत्त्वपूर्ण है।
- परिचालन दक्षता: एकीकृत प्रणाली से ट्रेन परिचालन और प्रबंधन में वृद्धि होगी।
- तकनीकी उन्नति: आधुनिक प्रौद्योगिकी विश्वसनीय समय-निर्धारण समाधान की मांग करती है।
- यह प्रणाली नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NAVIC) या राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशालाओं (National Physical Laboratories- NPL) से प्राप्त समय डेटा का उपयोग करेगी।
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