मार्सक्वेक | 25 Oct 2023
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर रिकॉर्ड किये गए सबसे बड़े भूकंप के कारणों का खुलासा किया है। यह खोज वैज्ञानिक महत्त्व रखती है और लाल ग्रह के भूविज्ञान तथा उसकी भूकंपीय घटनाओं में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करके आगामी मंगल अन्वेषणों के निहितार्थ रखती है।
मार्सक्वेक से संबंधित हालिया निष्कर्ष:
- मार्सक्वेक (Marsquake) या मार्शियन भूकंप, मंगल ग्रह पर होने वाली एक भूकंपीय घटना है। वर्ष 2022 में मंगल पर 4.7 तीव्रता वाला एक भूकंप दर्ज किया गया था।
- इसके आने का पहला संदेह पिछले उल्कापिंड-जनित भूकंपों से मिलते-जुलते भूकंपीय संकेतों के कारण उल्कापिंड का प्रभाव था।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन और संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों ने मंगल ग्रह पर एक क्रेटर की खोज के लिये एक अभूतपूर्व परियोजना हेतु सहयोग किया।
- हालाँकि खोज में कोई इम्पैक्ट क्रेटर नहीं मिला, इससे यह निष्कर्ष निकला कि भूकंप आंतरिक टेक्टोनिक बलों के कारण आया, जो बढ़ी हुई भूकंपीय गतिविधियों का संकेत देती हैं।
- इसका कारण मंगल के क्रस्ट के भीतर संचित तनाव को बताया गया, जो विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग शीतलन और सिकुड़न दर के कारण अरबों वर्षों में विकसित हुआ।
- यह खोज भविष्य के मंगल अन्वेषणों के लिये प्रभावी है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित लैंडिंग साइट्स और जिन क्षेत्रों से बचना चाहिये, की पहचान करने में सहायता मिलेगी।
मंगल ग्रह से संबंधित प्रमुख तथ्य:
- मंगल क्रम में सूर्य से चौथे नंबर का ग्रह है, इसका नाम रोम के युद्ध देवता के आधार पर रखा गया है। इसके विशिष्ट लाल रंग के कारण इसे प्राय: "लाल ग्रह" भी कहा जाता है। यह लाल रंग मुख्य रूप से इसकी सतह की चट्टानों और मृदा में आयरन ऑक्साइड, जिसे आमतौर पर जंग के रूप में जाना जाता है, की अत्यधिक मात्रा के कारण होता है।
- मंगल, बुध के बाद हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है, इसका व्यास लगभग 6,791 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के आकार का लगभग आधा है।
- इसके दो प्राकृतिक उपग्रह हैं, जिन्हें फोबोस और डीमोस के नाम से जाना जाता है।
- यह अत्यधिक ठंडा ग्रह है, सूर्य से इसकी अधिक दूरी होने के कारण इसके भूमध्यरेखीय क्षेत्रों तापमान 20°C तक पहुँच जाता है और ध्रुवीय क्षेत्रों का तापमान -140°C तक गिर जाता है।
- ओलंपस मॉन्स मंगल ग्रह पर स्थित है, जो हमारे सौर मंडल का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है, यह माउंट एवरेस्ट से लगभग तीन गुना ऊँचा है।
- मंगल ग्रह का एक दिन 24 घंटे और 37 मिनट का होता है, जो पृथ्वी के दिन से थोड़ा अधिक लंबा होता है लेकिन सूर्य के चारों ओर विस्तारित कक्षा के कारण मंगल ग्रह के एक वर्ष की अवधि 687 दिन (पृथ्वी से लगभग दोगुना) होती है।
- मंगल की घूर्णन धुरी सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा के तल के संबंध में 25 डिग्री तक झुकी हुई है। यह पृथ्वी के समान है, जिसका अक्षीय झुकाव 23.4 डिग्री है।
- मंगल ग्रह पर अलग-अलग मौसम अनुभव किये गए हैं, लेकिन वे पृथ्वी के मौसमों की तुलना में अधिक लंबे समय तक बने रहते हैं।
मंगल ग्रह पर भेजे गए मिशन:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |