प्रारंभिक परीक्षा
मैंटिस श्रिम्प और मेटामटेरियल्स
- 23 Apr 2025
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स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
एक नए अध्ययन से पता चला है कि मैंटिस श्रिम्प के हथौड़ेनुमा अंग शक्तिशाली प्रहार करते हैं तथा इनके द्वारा एक प्राकृतिक रिकॉइल-डैम्पनिंग सिस्टम का भी उपयोग किया जाता है, इससे मेटामटेरियल एवं ऊर्जा नियंत्रण के संदर्भ में पिछली मान्यताओं को चुनौती मिली है।
- इससे न केवल मैंटिस श्रिम्प की विकासवादी प्रक्रिया पर प्रकाश पड़ता है बल्कि पदार्थ विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी में नए आयाम का मार्ग प्रशस्त होता है।
मैंटिस श्रिम्प के संबंध में प्रमुख शोध निष्कर्ष क्या हैं?
- शोधकर्त्ताओं ने पाया कि मैंटिस श्रिम्प का उपांग एक प्राकृतिक ध्वनिक मेटामटेरियल (ऐसी सामग्री जो ध्वनि या कंपन जैसी यांत्रिक तरंगों को अवरुद्ध या नियंत्रित करती है) के रूप में कार्य करता है।
- क्लब संरचना से दोहरे यांत्रिक लाभ मिलते हैं। इसके द्वारा बाह्य बल का सामना करने के साथ ऊर्जा प्रसार को नियंत्रित किया जाता है।
- इसकी पदानुक्रमिक संरचना में शामिल हैं:
- हाइड्रोक्सीएपेटाइट सतह (एक कठोर खनिज जो मानव की अस्थियों और दाँतों में भी पाया जाता है) जो प्रभाव को फैला देता है।
- स्प्रिंग जैसी टेंडन (लोचदार संरचनाएँ जो आघात को अवशोषित करने में मदद करती हैं)।
- बायोपॉलिमर फाइबर आवधिक पैटर्न में व्यवस्थित होते हैं (प्राकृतिक फाइबर को दोहराते हैं जो बार-बार होने वाले प्रहार से होने वाले नुकसान को कम करते हैं)।
- अध्ययन से यह पुष्टि होती है कि प्रकृति ने मेटामैटेरियल्स का विकास किया है, जिससे वैज्ञानिकों के जैविक पदार्थ डिजाइन को समझने के तरीके में बदलाव आया है।
मैंटिस श्रिम्प क्या हैं?
- परिचय:
- मैंटिस श्रिम्प स्टोमेटोपोडा वंश (Order) से संबंधित प्राचीन समुद्री क्रस्टेशियन हैं, जो केकड़ों और श्रिम्प से निकट से संबंधित हैं।
- इनकी 450 से अधिक ज्ञात प्रजातियाँ हैं तथा इनका आकार 10 सेमी से लेकर लगभग 46 सेमी तक होता है।
- अपने नाम के बावजूद, वे ट्रू श्रिम्प (True Shrimp) नहीं हैं, बल्कि अपने जीवंत रंग, जटिल व्यवहार और शक्तिशाली शिकार उपांगों (Powerful Hunting Appendages) के कारण पहचाने जाते हैं।
- मैंटिस श्रिम्प स्टोमेटोपोडा वंश (Order) से संबंधित प्राचीन समुद्री क्रस्टेशियन हैं, जो केकड़ों और श्रिम्प से निकट से संबंधित हैं।
- प्राकृतिक वास:
- मैंटिस श्रिम्प उष्ण, उथले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल में, विशेष रूप से हिंद और प्रशांत महासागर में रहते हैं।
- वे समुद्र तल के भीतर स्वनिर्मित बिलों में रहते हैं - कठोर सब्सट्रेट्स में स्मैशर्स और नरम सब्सट्रेट्स में स्पीयरर्स - प्रवाल भित्तियों के समीप।
- मैंटिस श्रिम्प उष्ण, उथले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल में, विशेष रूप से हिंद और प्रशांत महासागर में रहते हैं।
- शिकार तंत्र: मैंटिस श्रिम्प को उनके शिकार अनुकूलन के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- स्पीयरर्स: इनके अग्रपाद तीक्ष्ण और काँटेदार होते हैं, जिनका उपयोग मछली, स्क्विड और कीड़े जैसे नरम शरीर वाले शिकार के बेधन के लिये किया जाता है।
- स्मैशर्स: इनमें अत्यधिक मात्रा में कैल्सिफाइड, क्लबनुमा उपांग (Club-Like Appendages) होते हैं जो पशु जगत में तीव्र प्रहार करने में सक्षम होते हैं, इनका उपयोग घोंघे, केकड़े और क्लैम जैसे कठोर आवरण वाले शिकार को तोड़ने (Break) के लिये किया जाता है।
- पारिस्थितिक और वैज्ञानिक महत्त्व: उनके क्लब तंत्र ने कवच और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बायोमिमिक्री को प्रेरित किया है।
- इनकी नेत्र संरचना ऑप्टिकल सेंसर और कैंसर का पता लगाने वाली तकनीक के लिये प्रभावकारी है।
- वे प्रवाल पारिस्थितिकी तंत्र में शिकार समष्टि (भक्षण का स्रोत) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और पोषक चक्रण में अहम भूमिका निभाते हैं।
- शोधकर्त्ता विपाशित यांत्रिक ऊर्जा को अन्य उपयोगी रूपों में परिवर्तित करने की विधियों का अन्वेषण कर रहे हैं, जिससे संभावित रूप से ऊर्जा संचयन अनुप्रयोगों को बढ़ावा मिल सकेगा।
मेटामटेरियल्स क्या हैं?
- मेटामटेरियल्स कृत्रिम रूप से इंजीनियर्ड वे सामग्री होती हैं जो प्रकृति में न पाए जाने वाले गुणों को प्रदर्शित करने के लिये डिज़ाइन की जाती हैं।
- इनके विशष्ट गुण इनके निर्माण में उपयोग की गई आधार सामग्रियों से नहीं बल्कि उनकी आंतरिक संरचना और व्यवस्था से उत्पन्न होते हैं।
- प्रमुख गुणधर्म:
- ये सामान्यतः असामान्य विद्युत चुंबकीय गुण प्रदर्शित करते हैं, जैसे कि नकारात्मक अपवर्तनांक।
- यह गुण उन्हें प्रकाशिकी, दूरसंचार और विद्युत-चुंबकत्व जैसे क्षेत्रों में मूल्यवान बनाता है।
- उनका व्यवहार ग्रेफाइट, हीरा और ग्रेफीन जैसे पदार्थों से तुलनीय है- जो सभी कार्बन से बने होते हैं, लेकिन संरचनात्मक व्यवस्था के कारण काफी भिन्न होते हैं।