प्रारंभिक परीक्षा
LK-99: कमरे के तापमान वाले सुपरकंडक्टर की खोज
- 07 Aug 2023
- 5 min read
दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों के एक समूह ने हाल ही में एक ऐसी सामग्री की खोज का दावा किया है जो कमरे के तापमान और दबाव पर एक सुपरकंडक्टर के गुणों को प्रदर्शित करती है, जिसे उन्होंने LK-99 नाम दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, LK-99 के इस अभूतपूर्व दावे ने वैज्ञानिक समुदाय की उत्सुकता को बढ़ा दिया है और संभावित रूप से यह खोज विद्युत चालकता के साथ प्रौद्योगिकी की दुनिया में क्रांति ला सकती है।
LK-99 की खोज पर दावा:
- एपेटाइट सामग्रियों की खोज: दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिक समूह द्वारा खोजी गई सामग्रियों में एपेटाइट नामक एक अप्रत्याशित सामग्री शामिल थी।
- एपेटाइट, एक टेट्राहेड्रल या पिरामिडल मोटिफ (एक फॉस्फोरस परमाणु चार ऑक्सीजन परमाणुओं से घिरा हुआ) में फॉस्फेट मचान (Scaffolds) खनिज हैं।
- वैज्ञानिकों ने लेड एपेटाइट से शुरुआत की, साथ ही कुछ लेड परमाणुओं को ताँबे से प्रतिस्थापित किया, जिसके परिणामस्वरूप ताँबे द्वारा प्रतिस्थापित लेड एपेटाइट प्राप्त हुआ, जिसे उन्होंने LK-99 नाम दिया।
- अतिचालकता का साक्ष्य: समूह ने बताया कि 10% ताँबे के प्रतिस्थापन पर LK-99 ने एक अतिचालक की विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
- सामग्री ने बाहरी चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में एक निश्चित महत्त्वपूर्ण सीमा तक अतिचालकता बनाए रखी, जिसका व्यवहार ज्ञात सुपरकंडक्टर्स के अनुरूप है।
- LK-99 के निहितार्थ: यदि LK-99 के कमरे के तापमान वाला सुपरकंडक्टर होने के दावों की पुष्टि हो जाती है, तो यह विद्युत चालकता और प्रौद्योगिकी के लिये एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।
- रोजमर्रा के उपकरणों में सुपरकंडक्टर्स के व्यापक अनुप्रयोग से ऊर्जा दक्षता में वृद्धि, बिजली हानि में कमी और क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों का विकास हो सकता है।
सुपरकंडक्टर्स:
- परिचय:
- सुपरकंडक्टर्स ऐसी सामग्रियाँ हैं जो बेहद कम तापमान पर ठंडा होने पर शून्य विद्युत प्रतिरोध प्रदर्शित करती हैं। यह गुण उन्हें बिना ऊर्जा हानि के बिजली संचालित करने की अनुमति देता है।
- उदाहरण: लैंथेनम-बेरियम-कॉपर ऑक्साइड, येट्रियम-बेरियम-कॉपर ऑक्साइड, नाइओबियम-टिन आदि।
- उदाहरण: लैंथेनम-बेरियम-कॉपर ऑक्साइड, येट्रियम-बेरियम-कॉपर ऑक्साइड, नाइओबियम-टिन आदि।
- सुपरकंडक्टर्स ऐसी सामग्रियाँ हैं जो बेहद कम तापमान पर ठंडा होने पर शून्य विद्युत प्रतिरोध प्रदर्शित करती हैं। यह गुण उन्हें बिना ऊर्जा हानि के बिजली संचालित करने की अनुमति देता है।
- खोज:
- वर्ष 1911 में कैमरलिंग ओन्स ने पाया कि परम ताप से कुछ डिग्री ऊपर के तापमान पर पारे का विद्युत प्रतिरोध पूर्णतया खत्म हो जाता है।
- इस घटना को अतिचालकता के रूप में जाना जाने लगा।
- वर्ष 1911 में कैमरलिंग ओन्स ने पाया कि परम ताप से कुछ डिग्री ऊपर के तापमान पर पारे का विद्युत प्रतिरोध पूर्णतया खत्म हो जाता है।
- अतिचालक (Superconductors) के अनुप्रयोग:
- ऊर्जा संचरण: सुपरकंडक्टिंग केबल अर्थात् अतिचालक तार बिना क्षय के विद्युत को संचारित कर सकते हैं, जो उन्हें लंबी दूरी तक विद्युत संचरण के लिये आदर्श बनाता है।
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI): वृहत चिकित्सा इमेजिंग को सक्षम करने हेतु प्रबल और स्थिर चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिये MRI मशीनों में सुपरकंडक्टिंग चुंबक का उपयोग किया जाता है।
- कण त्वरक: सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) जैसे कण त्वरक के महत्त्वपूर्ण घटक हैं, जो कणों को उच्च वेग तक पहुँचने की अनुमति देते हैं।
- इलेक्ट्रिक मोटर्स और जनरेटर: अतिचालक पदार्थ, इलेक्ट्रिक मोटर और जनरेटर की क्षमता एवं शक्ति घनत्व को बढ़ा सकता है।
- मैग्लेव ट्रेनें: अतिचालक चुंबक, चुंबकीय उत्तोलन (मैग्लेव) ट्रेनों को पटरियों पर तीव्र गति से संचालित करने के साथ ही घर्षण को कम करते हैं और उच्च गति के साथ यात्रा करने में सक्षम बनाते हैं।
- क्वांटम कंप्यूटिंग: क्वांटम अवस्थाओं को प्रदर्शित करने की इनकी क्षमता के कारण क्वांटम कंप्यूटिंग में इनकी क्षमता का उपयोग करने के लिये कुछ अतिचालक पदार्थों की खोज की जा रही है।