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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर

  • 14 Apr 2023
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर, सर्न (CERN), क्वार्क और ग्लून्स, प्रोटॉन, बिग बैंग, सुपरसिमेट्री एवं अन्य आयाम।

मेन्स के लिये:

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर

चर्चा में क्यों? 

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider- LHC) को हाल ही में अधिक सटीक एवं संवेदनशील बनाने हेतु अपग्रेड किया गया है तथा यह मई 2023 में डेटा संग्रहण शुरू कर देगा। 

  • LHC की संवेदनशीलता एवं सटीकता को बढ़ाने हेतु अपग्रेड किया गया है, जिससे वैज्ञानिकों को उच्च ऊर्जा वाले कणों का अध्ययन करने की सुविधा मिलती है।

हैड्रॉन (Hadron):

  • हैड्रॉन उप-परमाण्विक कणों के एक वर्ग का सदस्य है जो क्वार्क से निर्मित है तथा इस प्रकार प्रबल बल के माध्यम से प्रतिक्रिया करता है। हैड्रॉन मेसन, बैरियन (जैसे, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और सिग्मा कण) तथा उनके कई अनुनादों से मिलकर बने होते हैं।

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC): 

  • परिचय:  
    • LHC एक विशाल प्रयोग है जो अत्यधिक उच्च ऊर्जा पर भौतिकी का अध्ययन करने के लिये कणों के दो बीमों को टकराता है। यह विश्व का सबसे बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग है तथा CERN (परमाणु अनुसंधान के लिये यूरोपीय संगठन) द्वारा संचालित है।
    • LHC एक गोलाकार पाइप है जो 27 किमी. लंबी है तथा फ्रेंको-स्विस सीमा के पास जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
    • इसमें लगभग 9,600 चुंबकों/मैग्नेट्स द्वारा निर्मित दो D-आकार के चुंबकीय क्षेत्र शामिल हैं। 
  • कार्यप्रणाली:
    • प्रोटॉन, जो क्वार्क एवं ग्लून्स से बने उप-परमाणु कण हैं, इन चुंबकों का उपयोग करके LHC के अंदर त्वरित होते हैं।  
      • क्वार्क एवं ग्लूऑन उप-परमाणु कण हैं जो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं। क्वार्क छह अलग-अलग "प्रकार" से त्वरित होते हैं: ऊपर, नीचे, आकर्षी, असामान्य, शीर्ष और तल। ग्लूऑन ऐसे कण होते हैं जो शक्तिशाली परमाणु बल के माध्यम से प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन के अंदर क्वार्क को एक साथ "श्लेषित (Glue)" करते हैं।  
      • प्रोटॉन LHC में त्वरित होने वाले एकमात्र कण नहीं हैं।
    • इन्हें चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में तीव्र परिवर्तन करके बीम पाइप के माध्यम से प्रोटॉन को त्वरित किया जा सकता है।
    • ये अन्य घटक कणों पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें पाइप की दीवारों से टकराने से रोकने में मदद करते हैं। 
    • प्रोटॉन अंततः प्रकाश की गति के 99.999999% पर गमन करते हैं।

  • महत्त्व:
    • ऐसी उच्च ऊर्जाओं पर LHC ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न कर सकता है जो बिग बैंग के बाद केवल एक सेकंड के अंशों में मौजूद हो।
    • त्वरित कणों की परस्पर क्रियाओं का निरीक्षण करने के लिये वैज्ञानिक बीम पाइप के साथ लगे डिटेक्टरों का उपयोग करते हैं, जो पदार्थ और ब्रह्मांड की प्रकृति पर नई अंतर्दृष्टि प्रकट कर सकते हैं।
    • LHC ने पहले ही वर्ष 2012 में हिग्स बोसॉन (Higgs boson) की खोज की है तथा वर्ष 2013 में अपने निष्कर्षों की पुष्टि की है जिसमें एक कण अन्य कणों को द्रव्यमान प्रदान करता है।
    • LHC सुपरसिमेट्री और अतिरिक्त आयामों (Supersymmetry and Extra Dimensions) जैसे कण भौतिकी के सिद्धांतों का परीक्षण करने में भी सहांयता करता है।

सुपरसिमेट्री और अतिरिक्त आयाम:  

  • सुपरसिमेट्री:  
    • यह प्रस्तावित करता है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक ज्ञात कण के साथ एक "सुपरपार्टनर" कण है, जिसकी अभी खोज की जानी है, इन कणों में विपरीत घूर्णन और विभिन्न क्वांटम संख्याएँ  होंगी।
    • इसका अर्थ यह होगा कि ब्रह्मांड के प्रत्येक कण का एक साथी होगा जिसे अभी तक नहीं खोजा गया है और यह कण भौतिकी के वर्तमान मानक मॉडल के साथ कुछ समस्याओं को हल करने में सहांयता कर सकता है, जैसे पदानुक्रम समस्या।
  • अतिरिक्त आयाम:
    • अतिरिक्त आयामों का मतलब यह है कि ब्रह्मांड में अंतरिक्ष के तीन आयामों और समय के एक आयाम से अधिक है जिससे हम परिचित हैं।   
    • विचार यह है कि ऐसे अतिरिक्त आयाम हो सकते हैं जो "कर्ल्ड अप" या संकुचित हैं और हमारे वर्तमान प्रयोगों द्वारा पहचाने जाने के लिये बहुत छोटे हैं।
    • गुरुत्त्वाकर्षण के कुछ सिद्धांतों में अतिरिक्त आयामों की अवधारणा उत्पन्न होती है जैसे कि स्ट्रिंग सिद्धांत, जो सुझाव देते हैं कि गुरुत्त्वाकर्षण छोटी दूरी पर अपेक्षा से अधिक मज़बूत होता है क्योंकि यह अतिरिक्त आयामों को "महसूस" करता है।

संबंधित चुनौतियाँ:

  • LHC कई प्रकार की तकनीकी चुनौतियों का सामना करता है, जैसे मैग्नेट की स्थिरता को बनाए रखना और कणों तथा पाइप की दीवारों के बीच टकराव को रोकना
  • LHC भारी मात्रा में डेटा उत्पन्न करता है। इस डेटा को संभालना और प्रोसेस करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसके लिये उन्नत कंप्यूटिंग और स्टोरेज प्रणाली की आवश्यकता होती है।
  • LHC एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है जिसमें विभिन्न देशों और संस्थानों के हजारों वैज्ञानिक शामिल हैं। इस सहयोग का समन्वय करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी प्रतिभागियों के पास आवश्यक डेटा और सुविधाओं तक पहुँच एक चुनौती है।

आगे की राह 

  • LHC एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक उपलब्धि है, लेकिन इसके संचालन के लिये कई लोगों और संस्थानों के समन्वित प्रयास की आवश्यकता होती है। ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने हेतु LHC से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है।
  • LHC ने कुछ सिद्धांतों का परीक्षण और खंडन किया है जिसका उद्देश्य मानक मॉडल की सीमाओं की व्याख्या करना है, जिससे भौतिकी क्षेत्र में अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है। साथ ही आगे बढ़ने के लिये दो विचार सामने आए हैं: LHC को इसकी चमक बढ़ाने के लिये अपग्रेड करना और भौतिकी के क्षेत्र में नई खोज की उम्मीद में एक बड़ा और अधिक महँगा संस्करण बनाना।
  • जबकि CERN और चीन ने ऐसी मशीन का प्रस्ताव दिया है, जिस पर कुछ भौतिकविद् सवाल उठाते  हैं कि गारंटीशुदा परिणामों के साथ कम खर्चीले प्रयोगों पर पैसा बेहतर तरीके से खर्च किया जाएगा या नहीं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निकट अतीत में हिग्स बोसॉन कण के अस्तित्त्व के संसूचन के लिये किये गए प्रयत्न लगातार समाचारों में रहे हैं। इस कण की खोज का क्या महत्त्व है? (2013)

  1. हमें यह समझने में मदद करेगा कि मूल कणों में संहति क्यों होती है।
  2. यह निकट भविष्य में हमें दो बिंदुओं के बीच के भौतिक अंतराल को पार किये बिना एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पदार्थ स्थानांतरित करने की प्रौद्योगिकी विकसित करने में मदद करेगा।
  3. यह हमें नाभिकीय विखंडन के लिये बेहतर ईंधन उत्पन्न करने में मदद करेगा। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (a) 

स्रोत: द हिंदू

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