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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

हैड्रॉन कोलाइडर रन 3

  • 07 Jul 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हैड्रॉन कोलाइडर, पार्टिकल फिजिक्स, गॉड पार्टिकल, बिग बैंग थ्योरी, CERN

मेन्स के लिये:

पदार्थ का विकास, LHC का महत्त्व, कण भौतिकी का महत्त्व, भौतिकी के मानक मॉडल की अवधारणा

चर्चा में क्यों?

यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) ने गॉड पार्टिकल कहे जाने वाले हिग्स बोसॉन की खोज के 10 साल बाद जुलाई 2022 में एक बार फिर से लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर को चालू किया हैै।

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर               

  • परिचय:
    • लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर एक विशाल, जटिल मशीन है जिसे उन कणों का अध्ययन करने के लिये बनाया गया है जो सभी चीज़ों के सबसे छोटे ज्ञात मूलभूत अंग हैं।
    • अपनी परिचालन अवस्था में यह सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रोमैग्नेट्स की एक रिंग के अंदर विपरीत दिशाओं में प्रकाश की गति से लगभग दो प्रोटॉनों को फायर करता है।
    • सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रोमैग्नेट्स द्वारा बनाया गया चुंबकीय क्षेत्र प्रोटॉन को एक तंग बीम में रखता है और उन्हें रास्ते में मार्गदर्शन करता है ये बीम पाइप के माध्यम से यात्रा करते हैं और अंत में टकराते हैं।
    • चूँकि LHC के शक्तिशाली विद्युत चुंबकों में अत्याधिक मात्रा में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, इसलिये इसे ठंडा रखा जाना आवश्यक है।
      • LHC में महत्त्वपूर्ण घटकों को 0 से 271.3 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अल्ट्राकोल्ड रखने के लिये तरल हीलियम की वितरण प्रणाली का उपयोग होता है, जो इंटरस्टेलर स्पेस की तुलना में ठंडा है।
  • नवीनतम अपग्रेड:
    • यह LHC’s का तीसरा रन है, यह 13 टेरा इलेक्ट्रॉन वोल्ट (इलेक्ट्रॉन वोल्ट वह ऊर्जा है जो एक इलेक्ट्रॉन को विद्युत विभवांतर के 1 वोल्ट के माध्यम से त्वरित करके दी जाती है) के अभूतपूर्व ऊर्जा स्तरों पर चार साल के लिये चौबीसों घंटे काम करेगा।
    • ATLAS और CMS प्रयोगों के लिये वैज्ञानिक प्रति सेकंड 1.6 बिलियन प्रोटॉन-प्रोटॉन टकराव का लक्ष्य बना रहे हैं।
      • ATLAS: LHC पर सबसे बड़ा सामान्य प्रयोजन कण डिटेक्टर प्रयोग।
      • CMS: इतिहास में सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोगों में से एक है, जिसमें एटलस के समान लक्ष्य हैं, लेकिन जो एक अलग चुंबक-प्रणाली डिज़ाइन का उपयोग करता है।
  • महत्त्व:
    • भौतिक विज्ञानी छोटे पैमाने पर ब्रह्मांड के बारे में अधिक जानने हेतु और डार्क मैटर की प्रकृति जैसे रहस्यों को सुलझाने के लिये टकरावों का उपयोग करना चाहते हैं।
    • LHC का उद्देश्य भौतिकविदों को कण भौतिकी के विभिन्न सिद्धांतों की भविष्यवाणियों का परीक्षण करने की अनुमति देना है ,
      • कण त्वरक में पाई जाने वाली तकनीक का उपयोग पहले से ही कुछ प्रकार की कैंसर सर्जरी आदि के लिये किया जाता है।

LHC के पिछले चरणों का प्रदर्शन:

  • पहला चरण:
    • एक दशक पहले सर्न ने LHC के पहले चरण के दौरान दुनिया को हिग्स बोसॉन या 'गॉड पार्टिकल' की खोज की घोषणा की थी।
      • इस खोज ने 'बल-वाहक' उप-परमाणु कण के लिए दशकों से चली आ रही खोज के निष्कर्षों को गलत साबित कर दिया था और हिग्स तंत्र के अस्तित्व को साबित कर दिया था।
      • इसके कारण पीटर हिग्स और उनके सहयोगी फ्रांस्वा एंगलर्ट को 2013 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
      • माना जाता है कि हिग्स बोसोन और उससे संबंधित ऊर्जा क्षेत्र ने ब्रह्मांड के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • दूसरा चरण:
    • यह वर्ष 2015 में शुरू हुआ और वर्ष 2018 तक चला। डेटा प्राप्ति के दूसरे चरण ने पहले चरण की तुलना में पांँच गुना अधिक डेटा प्रदान किया।

गॉड पार्टिकल:

  • वर्ष 2012 में हिग्स बोसोन (जिसे 'गॉड पार्टिकल' के रूप में भी जाना जाता है) की नोबेल विजेता खोज ने भौतिकी के मानक मॉडल को मान्य किया, जो यह भी भविष्यवाणी करता है कि लगभग 60% हिग्स बोसोन पेयर बॉटम क्वार्क में क्षय हो जाएगा।
  • वर्ष 1960 के दशक में पीटर हिग्स यह सुझाव देने वाले पहले व्यक्ति थे कि यह कण मौजूद हो सकता है।
    • हिग्स क्षेत्र को वर्ष 1964 में नए प्रकार के क्षेत्र के रूप में प्रस्तावित किया गया था जो पूरे ब्रह्मांड को भरता है और सभी प्राथमिक कणों को द्रव्यमान प्रदान करता है। इसकी खोज हिग्स क्षेत्र के अस्तित्व की पुष्टि करती है।
  • भौतिकी का मानक मॉडल:
    • कण भौतिकी का मानक मॉडल वह सिद्धांत है जो ब्रह्मांड में चार ज्ञात मौलिक बलों (विद्युत चुंबकीय, कमज़ोर और मज़बूत अंतःक्रिया तथा गुरुत्वाकर्षण बल की अनुपस्थिति) में से तीन का वर्णन करता है, साथ ही सभी ज्ञात प्राथमिक कणों को वर्गीकृत करता है।
      • यह जानकारी देता है कि कैसे क्वार्क नामक कण (जो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाते हैं) तथा लेप्टान (जिसमें इलेक्ट्रॉन शामिल हैं) सभी ज्ञात पदार्थ का निर्माण करते हैं।
      • साथ ही यह भी जानकारी देता है कि कैसे बल कण को प्रभावित करता है, जो बोसॉन के एक व्यापक समूह से संबंधित हैं और क्वार्क तथा लेप्टॉन को प्रभावित करते हैं।
    • वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं जानते हैं कि मानक मॉडल के साथ गुरुत्वाकर्षण को कैसे जोड़ा जाए।
  • हिग्स कण बोसॉन है।
    • बोसॉन को ऐसे कण माना जाता है जो सभी भौतिक बलों के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
      • अन्य ज्ञात बोसॉन फोटॉन, डब्ल्यू और जेड बोसॉन तथा ग्लूऑन हैं।

भारत और CERN

  • भारत 2016 में यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) का सहयोगी सदस्य बना।
  • CERN के साथ भारत का जुड़ाव लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के साथ दशकों पुराना है, हार्डवेयर एक्सेलेरेटर घटकों / प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास व आपूर्ति एवं मशीन में इसकी कमीशनिंग और सॉफ्टवेयर विकास तथा तैनाती के क्षेत्रों में।
  • भारत को वर्ष 2004 में CERN में 'पर्यवेक्षक' के रूप में शामिल किया गया था। सहयोगी सदस्य के रूप में इसका उन्नयन भारतीय कंपनियों को आकर्षक इंजीनियरिंग अनुबंधों के लिये बोली लगाने की अनुमति देता है और भारतीय संगठन में स्टाफ पदों के लिये आवेदन कर सकते हैं।
  • सहयोगी सदस्यता पर भारत का सालाना लगभग 78 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, हालांँकि अभी भी परिषद के निर्णयों पर मतदान का अधिकार नहीं होगा।
  • भारतीय वैज्ञानिकों ने ए लार्ज आयन कोलाइडर एक्सपेरिमेंट (ALICE) और कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेनॉइड (CMS) प्रयोगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके कारण हिग्स बोसोन की खोज हुई।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. निकट अतीत में हिग्स बोसॉन कण के अस्तिव के संसूचन के लिये किये गए प्रयत्न लगातार समाचारों में रहे हैं। इस कण की खोज का क्या महत्त्व है? (2013)

  • हमें यह समझने में मदद करेगा कि मूल कणों में संहति क्यों होती है।
  • यह निकट भविष्य में हमें दो बिंदुओं के बीच के भौतिक अंतराल को पार किये बिना एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पदार्थ स्थानांतरित करने की प्रौद्योगिकी विकसित करने में मदद करेगा।
  • यह हमें नाभिकीय विखंडन के लिये बेहतर ईंधन उत्पन्न करने में मदद करेगा।

ीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: A

व्याख्या:

  • यूनिफाइड थ्योरी के बुनियादी समीकरणों ने इलेक्ट्रो-कमज़ोर बल और उससे जुड़े बल-वाहक कणों, अर्थात् फोटॉन एवं डब्ल्यू तथा ज़ेड बोसॉन का वर्णन किया। ये सभी कण बिना द्रव्यमान के निकले। प्रोटॉन का द्रव्यमान नगण्य होता है, लेकिन डब्ल्यू व ज़ेड का द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान का लगभग 100 गुना होता है।
  • सिद्धांतवादी रॉबर्ट ब्राउट, फ्रेंकोइस एंगलर्ट और पीटर हिग्स ने एक सिद्धांत दिया जिसे ब्राउट-एंगलर्टहिग्स तंत्र के रूप में जाना जाता है जो डब्ल्यू व ज़ेड को अदृश्य क्षेत्र के साथ अंतःक्रिया करते समय एक द्रव्यमान प्रदान करता है, जो ब्रह्मांड में व्याप्त है, जिसे "हिग्स क्षेत्र" कहा जाता है। हिग्स बोसाॅन हिग्स क्षेत्र की दृश्यमान अभिव्यक्ति है।
  • बिग बैंग के ठीक बाद हिग्स क्षेत्र शून्य था, लेकिन जैसे-जैसे ब्रह्मांड ठंडा होता गया और तापमान एक महत्त्वपूर्ण मान से नीचे गिर गया, यह क्षेत्र अनायास ही बढ़ गया ताकि इसके साथ अंतःक्रिया करने वाले किसी भी कण का द्रव्यमान प्राप्त हो जाए।
  • एक कण जितना अधिक इस क्षेत्र के साथ संपर्क करता है, वह उतना ही भारी होता है, जैसे कि फोटॉन जो इसके साथ अंतःक्रिया नहीं करता है, इसका द्रव्यमान नगण्य होता है।
  • सभी मूलभूत क्षेत्रों की तरह हिग्स क्षेत्र में एक संबद्ध कण हिग्स बोसॉन होता है। अतः कथन 1 सही है और हिग्स बोसाॅन कण का कथन 2 और 3 से कोई संबंध नहीं है।

अतः विकल्प (A) सही उत्तर है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

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