लायन-टेल्ड मेकाक | 21 May 2024

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में वालपराई के शहरी स्थलों में सिंहपुच्छी मेकाक या लायन-टेल्ड मेकाक (Macaca silenus) का अनुकूलन वन्यजीवन और मानव गतिविधि के बीच समेकित समावेशन को शामिल किया गया है, जिसके संरक्षण की आवश्यकता है।

लायन-टेल्ड मेकाक की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • मुख्य विशेषताएँ:
    • सबसे छोटी मेकाक प्रजातियों का वज़न 2-10 किलोग्राम, शरीर की लंबाई 42-61 सेमी. और पूँछ की लंबाई 25 सेमी. होती है, जिसमें काले गुच्छे होते हैं जो नर मेकाक में अधिक स्पष्ट होते हैं।
    • उनके चेहरे के चारों ओर एक धूसर अयाल (घोड़े या शेर की गर्दन के बाल) होता है जिसके कारण उन्हें “दाढ़ी वाले बंदर (Beard Ape)” भी कहा जाता है।
    • "वंडरू (Wanderoo)" के रूप में जाने जाने वाले लायन-टेल्ड मेकाक एकांत पसंद करने वाले होते हैं, ये केवल 10 से 20 सदस्यों के समूहों में अपनी परिचित सीमा के भीतर ही रहते हैं।
    • समूह के प्रमुख नर मेकाक अपने क्षेत्र में प्रवेश करते समय अन्य को सचेत करने के लिये मानव-जैसी तेज़ 'आवाज़/उफ (Whoops)' का उपयोग करते हैं।
  • आवास:
    • ये प्राइमेट भारत के पश्चिमी घाट में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के वर्षावनों के मूल निवासी हैं, जिसमें लगभग 2,500 मेकाक पाए जाते हैं।
      • वालपराई पठार, अपने वृहत चाय और कॉफी बागानों के साथ-साथ जंगल के भागों से घिरा हुआ, अनामलाई टाइगर रिज़र्व का हिस्सा है तथा पश्चिमी घाट में लायन-टेल्ड मेकाक की 40 से अधिक आबादी का आवास है।
    • लायन-टेल्ड मेकाक, अधिकतर उष्णकटिबंधीय नम सदाबहार वनों की ऊपरी भागों में रहते हैं तथा मुख्य रूप से फलों व बीजों का भोजन करते हैं, लेकिन पत्तियों, कलियों, कीड़ों और छोटे कशेरुकियों का भी सेवन करते हैं।
  • संरक्षण की स्थिति:
  • खतरे एवं मुद्दे: 
    • मेकाक के लिये मुख्य खतरा उनके वर्षावन निवास स्थान का नुकसान है; कृषि, शहरीकरण और लकड़ी के लिये बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के परिणामस्वरूप उनकी प्राकृतिक सीमा का 99% तक ह्रास हुआ है।
    • पर्यावास क्षरण, मानवीय गतिविधियों में वृद्धि, प्राकृतिक भोजन की कमी और अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन ने मानव बस्तियों के प्रति व्यवहार में बदलाव में योगदान दिया है।
  • शमन के उपाय:
    • नेचर कंज़र्वेशन फाउंडेशन (NCF) ने मानव बस्तियों पर मेकाक की निर्भरता को कम करने और इनकी सड़क दुर्घटनाओं में कमी करने के उद्देश्य से मेकाकों को कोई भी पदार्थ खिलाने पर अंकुश लगाने तथा सड़कों पर सुरक्षित रूप से मार्गदर्शन करने के लिये चंदवा गलियारे विकसित किये हैं एवं नियमों को भी लागू किया गया है।
    • तमिलनाडु सरकार ने 50 करोड़ रुपए के कोष के साथ तमिलनाडु लुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण कोष की स्थापना की घोषणा की है, जिसमें लायन-टेल्ड मेकाक के संरक्षण के प्रयास शामिल हैं।
    • तमिलनाडु वन विभाग मेकाक की आबादी का अनुमान लगाने और एक व्यापक संरक्षण रणनीति तैयार करने के लिये एक अध्ययन करने की योजना बना रहा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है? (2012)

(a) महान: भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एंशियाई वन्य गधा
(b) कश्मीरी महामृग, चीतल, नील गाय और महान भारतीय सारंग
(c) हिम तेंदुआ, अनूप मृग, रीसस बंदर और सारस (क्रेन)
(d) सिंहपुच्छी मेकाक, नील गाय, हनुमान लंगूर और चीतल

उत्तर: (a)


प्रश्न. भारत के 'मरु राष्ट्रीय उद्यान के सदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ? (2020) 

  1. यह दो ज़िलों में विस्तृत है।
  2. उद्यान के अंदर कोई मानव वास स्थल नहीं है।
  3. यह 'प्रेट इंडियन बस्टर्ड' के प्राकृतिक आवासों में से एक है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1,2 और 3

उत्तर: (c)