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लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल

  • 06 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense Research and Development Organisation- DRDO) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency- ADA) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited- HAL) को स्वदेशी लीडिंग एज  एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच सौंपा।

  • लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिये उड़ान परीक्षणों के सफल समापन ने उत्पादन के लिये अनुमति  का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, जिससे HAL को हल्का लड़ाकू विमान- तेजस के Mk-1A संस्करण को लैस करने हेतु सक्षम बनाने में सहायता मिलेगी। 
    • इसका उपयोग विमान के पंख (Wings) के अग्र-धारा स्लैट्स को नियंत्रित करने हेतु किया जाता था।
  • इन्हें रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद और सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (CMTI), बंगलूरू के सहयोग से विकसित किया गया है।
    • RCI हैदराबाद में स्थित (DRDO) की एक मुख्य प्रयोगशाला है।
    • CMTI भारी उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

और पढ़ें: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने LCA तेजस Mk1A के लिये स्वदेशी लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच एचएएल को सौंपा

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