अंतिम सार्वभौमिक सामान्य पूर्वज (LUCA) | 18 Jul 2024

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतिम सार्वभौमिक सामान्य पूर्वज (Last Universal Common Ancestor - LUCA) की उत्पत्ति पृथ्वी के निर्माण के मात्र 300 मिलियन वर्ष बाद हुई होगी।

शोध के हालिया मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • परिचय:
    • शोधकर्त्ताओं का मानना ​​है कि जीवन की तीनों शाखाएँ अर्थात् बैक्टीरिया, आर्किया और यूकेरिया की उत्पत्ति एक ही कोशिका से हुई है, जिसे अंतिम सार्वभौमिक सामान्य पूर्वज (LUCA) कहा जाता है।
    • LUCA का जीनोम छोटा था, जिसमें लगभग 2.5 मिलियन बेस और 2,600 प्रोटीन थे, जो इसके विशिष्ट वातावरण में जीवित रहने के लिये पर्याप्त थे।
    • LUCA के मेटाबोलाइट्स ने अन्य सूक्ष्मजीवों के उभरने के लिये द्वितीयक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया होगा और संभवतः इसमें वायरस से लड़ने के लिये प्रतिरक्षा जीन भी मौजूद थे।
    • हालाँकि LUCA के अस्तित्व का समर्थन करने के लिये कोई जीवाश्म साक्ष्य नहीं है, लेकिन आधुनिक जीनोम में इतनी सारी विशेषताएँ हैं जो कुछ जानकारी प्रदान करती हैं।
    • जैसे आणविक घड़ी के सिद्धांत ने वैज्ञानिकों को ‘जीवन के वृक्ष’ का पुनर्निर्माण करने की अनुमति दी।
      • सिद्धांत के अनुसार, किसी जनसंख्या के जीनोम में उत्परिवर्तन जुड़ने या हटने की दर, नए उत्परिवर्तन (mutations) प्राप्त करने की दर के समानुपाती होती है, जो स्थिर होती है।
        • विभिन्न प्रजातियों में उत्परिवर्तन दर भिन्न-भिन्न होती है। 
      • निष्कर्षों के आधार पर, शोधकर्त्ताओं ने ज्ञात उत्परिवर्तन दरों का उपयोग करके और जीनोम को विशिष्ट घटनाओं जैसे कि प्रथम स्तनपायी के विकास या जीवाश्मों की आयु को मानक के रूप में जोड़कर विकासवादी घटनाओं के बीच के समय का अनुमान लगाने की एक विधि बनाई।
    • ऑस्ट्रेलिया के पिलबारा क्रेटन में जीवाश्मों की प्रारंभिक खोज के आधार पर यह माना गया है कि प्रारंभिक जीवन के साक्ष्य 3.4 अरब वर्ष पूर्व के थे
  • निष्कर्ष का महत्त्व:
    • कुल मिलाकर ये निष्कर्ष यह समझने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं कि पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ और कैसे विकसित हुआ तथा ब्रह्मांड में अन्यत्र समान जीवन रूपों की खोज के लिये भी महत्त्वपूर्ण हैं।
    • ये विकासवादी अंतर्दृष्टियाँ पृथ्वी पर विभिन्न प्रक्रियाओं के लिये कृत्रिम जीवों के निर्माण तथा भविष्य में अन्य ग्रहों पर पारिस्थितिकी तंत्रों के निर्माण या प्रबंधन के प्रयासों को बढ़ावा देंगी।

जीवन की उत्पत्ति के विभिन्न प्रतिस्पर्द्धी सिद्धांत क्या हैं?

  • ओपेरिन-हाल्डेन परिकल्पना: वर्ष 1924 और 1929 में, ओपेरिन और हाल्डेन ने क्रमशः सुझाव दिया कि शुरुआती जीवन रूपों को बनाने वाले पहले अणु एक पृथ्वी की युवावस्था के तूफानी, प्रीबायोटिक वातावरण में एक “प्रिमोर्डियल सूप (Primordial Soup)” से धीरे-धीरे स्वयं संगठित हुए। इस विचार को आज ओपेरिन-हाल्डेन परिकल्पना (Oparin-Haldane hypothesis) कहा जाता है।
  • मिलर-यूरे प्रयोग: इसने दिखाया कि सही परिस्थितियों में, अकार्बनिक यौगिक जटिल कार्बनिक यौगिकों को जन्म दे सकते हैं।
    • इसके अंतर्गत मीथेन, अमोनिया और पानी को मिलाया गया तथा विद्युत धारा प्रवाहित करके प्रोटीन के निर्माण हेतु आवश्यक अमीनो एसिड का उत्पादन किया गया।
  • पैनस्पर्मिया परिकल्पना: यह सुझाव देती है कि उल्कापिंड पृथ्वी पर जीवन की आधारशिला लेकर आए होंगे तथा क्षुद्रग्रहों पर बाह्य कार्बनिक पदार्थों और अमीनो एसिड की खोजों से भी इसका समर्थन मिलता है।
    • वर्ष 2019 में फ्राँसीसी और इतालवी वैज्ञानिकों ने 3.3 अरब वर्ष पुराने बाह्य-स्थलीय कार्बनिक पदार्थ की खोज की सूचना दी।
    • रयुगु (Ryugu) क्षुद्रग्रह पर जापान के हायाबुसा 2 मिशन ने भी वहाँ 20 से अधिक अमीनो एसिड की उपस्थिति का संकेत दिया था।

THEORY_OF_EVOLUTION

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2013)

  1. विद्युत चुंबकीय विकिरण
  2. भूतापीय ऊर्जा
  3.  गुरुत्वीय बल
  4. प्लेट संचालन
  5. पृथ्वी का घूर्णन
  6. पृथ्वी की परिक्रमण

उपर्युक्त में से कौन-से पृथ्वी के पृष्ठ पर गतिक परिवर्तन लाने के लिये ज़िम्मेदार हैं?

(a) केवल 1, 2, 3 और 4
(b) केवल 1, 3, 5 और 6
(c) केवल 2, 4, 5 और 6
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित तत्त्व समूहों में से कौन-सा एक पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये मूलतः उत्तरदायी था? (2012)

(a) हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, सोडियम
(b) कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन
(c) ऑक्सीजन, कैल्शियम, फॉस्फोरस
(d) कार्बन, हाइड्रोजन, पोटेशियम

उत्तर: (b)