लखपति दीदी | 31 Aug 2024
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री (PM) ने महाराष्ट्र में लखपति दीदी सम्मेलन में भाग लिया, जो स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups- SHG) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम था।
लखपति दीदी सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रमाण पत्र और सम्मान: प्रधानमंत्री ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र वितरित किये और उन्हें सम्मानित किया, जो हाल ही में वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान लखपति बनीं थीं।
- वित्तीय संवितरण: 2,500 करोड़ रुपए की एक परिक्रामी निधि जारी की गई, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ मिला।
- इसके अतिरिक्त 2.35 लाख स्वयं सहायता समूहों के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ पहुँचाने के लिये 5,000 करोड़ रुपए के बैंक ऋण वितरित किये गए।
- सांस्कृतिक और आर्थिक महत्त्व: प्रधानमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका और तीन वर्षों के भीतर तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उदय में उनके योगदान पर ज़ोर दिया, तथा ऐतिहासिक उपेक्षा से लेकर उनके बोझ को कम करने के उद्देश्य से हाल की पहलों में बदलाव पर प्रकाश डाला।
लखपति दीदी पहल क्या है?
- परिचय: "लखपति दीदी" स्वयं सहायता समूह की वह सदस्य होती है, जिसने सफलतापूर्वक एक लाख रुपए या उससे अधिक की वार्षिक घरेलू आय प्राप्त कर ली हो।
- यह आय कम-से-कम चार कृषि मौसमों या व्यवसाय चक्रों तक बनी रहती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि औसत मासिक आय दस हजार रुपए (10,000 रुपये) से अधिक है।
- इसकी शुरुआत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana- National Rural Livelihoods Mission- DAY-NRLM) द्वारा की गई थी, जिसमें प्रत्येक SHG परिवार को मूल्य शृंखला हस्तक्षेपों के साथ-साथ कई आजीविका गतिविधियों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 1,00,000 रुपए या उससे अधिक की स्थायी आय होती है।
- उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य न केवल महिलाओं की आय में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है, बल्कि स्थायी आजीविका प्रथाओं के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव लाना है।
- ये महिलाएँ अपने समुदायों में आदर्श के रूप में कार्य करती हैं तथा प्रभावी संसाधन प्रबंधन और उद्यमशीलता की शक्ति का प्रदर्शन करती हैं।
- लखपति दीदी रणनीति:
- विविध आजीविका विकल्प: यह पहल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिये आजीविका विकल्पों को गहन, सुदृढ़ और विस्तारित करने पर ज़ोर देती है।
- प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्ति, संसाधन संपर्क के लिये डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके स्वयं सहायता समूह के सदस्यों हेतु आजीविका नियोजन में सहायता करते हैं।
- कार्यान्वयन सहायता: स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को परिसंपत्तियों (इनपुट, उपकरण, बुनियादी ढाँचा), कौशल (ज्ञान और व्यावहारिक कौशल), वित्त तक पहुँच (बैंक लिंकेज, विभागीय योजनाएँ) और बाज़ार अभिगम (ब्रांडिंग, पैकेजिंग, ई-कॉमर्स) के रूप में समय पर सहायता प्राप्त होती है।
- क्षमता निर्माण: मिशन स्टाफ, सामुदायिक संस्थाओं और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आजीविका गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं पर नियमित और संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किये जाते हैं।
- अभिसरण और साझेदारी: यह पहल तकनीकी, वित्तीय तथा क्षमता निर्माण संसाधनों को जुटाने के लिये विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ साझेदारी के साथ अभिसरण का लाभ उठाती है।
- विविध आजीविका विकल्प: यह पहल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिये आजीविका विकल्पों को गहन, सुदृढ़ और विस्तारित करने पर ज़ोर देती है।
मंत्रालय |
अभिसरण (Convergence) योजनाएँ |
ग्रामीण विकास मंत्रालय, (MoRD) |
1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGS) |
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) |
1. बागवानी के एकीकृत विकास के लिये मिशन (MIDH), |
पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) |
1. पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिये मान्यता प्राप्त एजेंट (A-हेल्प), |
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) |
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का प्रधानमंत्री औपचारिकीकरण योजना (PMFME) |
मत्स्य पालन विभाग |
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना |
लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) |
पारंपरिक उद्योगों के पुनरुद्धार हेतु कोष योजना (SFURTI) |
- उपलब्धियाँ: वर्ष 2023 में लखपति दीदी योजना की शुरुआत के बाद से एक करोड़ महिलाओं को पहले ही लखपति दीदी बनाया जा चुका है। सरकार ने ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाली 9 करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख SHG की सफलता को मान्यता देते हुए लखपति दीदी के लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की घोषणा की है।
- पूरे भारत में लाखों महिला स्वयं सहायता समूहों को 6000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि वितरित की गई।
महिला सशक्तीकरण से संबंधित अन्य पहल
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रीय निर्धनों के आजीविका विकल्पों को सुधारने का किस प्रकार प्रयास करता है? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |