प्रारंभिक परीक्षा
नारी शक्ति पुरस्कार 2021
- 15 Jan 2022
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नारी शक्ति पुरस्कार, 2021 के लिये नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी, 2022 है।
प्रमुख बिंदु
- नारी शक्ति पुरस्कार 2021 के बारे में:
- इस पुरस्कार को वर्ष 1999 में शुरू किया गया। यह भारत में महिलाओं के सम्मान में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
- प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
- नारी शक्ति पुरस्कार में 2 लाख रुपए की नकद पुरस्कार राशि और व्यक्तियों एवं संस्थानों को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व्यक्तियों/समूहों/गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ)/संस्थानों आदि के लिये इन राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की घोषणा करता है। निम्नलिखित को पुरस्कार का वितरण किया जाता है:
- महिलाओं को निर्णय लेने की भूमिकाओं में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु।
- पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं के कौशल विकास हेतु।
- ग्रामीण महिलाओं को मूलभूत सुविधाएंँ उपलब्ध कराने के लिये।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल, कला, संस्कृति जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को स्थायी रूप से बढ़ावा देने के लिये।
- सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, जीवन कौशल, महिलाओं के सम्मान और सम्मान आदि की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य के लिये।
- उद्देश्य:
- समाज में महिलाओं की स्थिति को मज़बूत करने के उद्देश्य से महिलाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना।
- यह युवा भारतीयों को समाज और राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं के योगदान को समझने का अवसर भी प्रदान करेगा।
- यह वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
- एसडीजी 5: लैंगिक समानता हासिल करना और सभी महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाना।
- पात्रता:
- दिशा निर्देशों के अनुसार, कम-से-कम 25 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति और संबंधित क्षेत्र में कम-से-कम 5 वर्षों तक कार्य करने वाले संस्थान आवेदन करने के पात्र हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
- प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। सर्वप्रथम वर्ष 1909 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1977 में इसे अधिकारिक मान्यता प्रदान की गई।
- पहली बार महिला दिवस वर्ष 1911 में ज़र्मनी के क्लारा ज़ेटकिन द्वारा मनाया गया था। प्रथम महिला दिवस की जड़ें मज़दूर आंदोलन से जुड़ी थीं।
- वर्ष 1913 में इसे 8 मार्च को मनाना निश्चित कर दिया गया था,जो वर्तमान तक जारी है।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार वर्ष 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।
- दिसंबर 1977 में महासभा के सदस्य राष्ट्रों द्वारा अपनी ऐतिहासिक और राष्ट्रीय परंपराओं के अनुसार, वर्ष के किसी भी दिन मनाए जाने वाला महिला अधिकार और अंतर्राष्ट्रीय शांति हेतु संयुक्त राष्ट्र दिवस घोषित करने का प्रस्ताव अपनाया गया।