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खर्ची पूजा

  • 30 Jun 2023
  • 8 min read

हाल ही में चर्चित खर्ची पूजा त्रिपुरा राज्य में मनाया जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है।

  • यह उत्सव इस वर्ष 26 जून को शुरू हुआ और 2 जुलाई तक मनाया जाएगा। 

खर्ची पूजा:

  • परिचय:  
    • इसे '14 देवताओं के त्योहार' के रूप में भी जाना जाता है, इस पारंपरिक कार्यक्रम में त्रिपुरा के लोगों के पैतृक देवता, चतुर्दश देवता (प्राचीन उज्जयंत महल में स्थित) की पूजा शामिल है।
      • त्योहार के दौरान त्रिपुरा के लोग अपने 14 देवताओं के साथ-साथ पृथ्वी की भी पूजा करते हैं। 
    • इस त्योहार में एक महत्त्वपूर्ण अनुष्ठान में चतुर्दश मंडप का निर्माण शामिल है, यह एक संरचना है जो त्रिपुरी राजाओं के शाही महल का प्रतीक है।
    • पूजा के दिन 14 देवताओं को "चंताई" (शाही पुजारी) के सदस्यों द्वारा "सैदरा" नदी पर ले जाया जाता है। देवताओं को पवित्र जल से स्नान कराया जाता है और वापस मंदिर में लाया जाता है।
  • इतिहास:  
    • 'खर्ची' शब्द दो त्रिपुरी शब्दों से बना है- 'खर' या खरता जिसका अर्थ है पाप और 'ची' या सी जिसका अर्थ है सफाई। 
      • हालाँकि यह आदिवासी मूल का त्योहार है, यह त्रिपुरा के आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों लोगों द्वारा मनाया जाता है।
    • ऐसा माना जाता है कि देवी माँ या त्रिपुरा सुंदरी, भूमि की अधिष्ठात्री देवी है, जो त्रिपुरा के लोगों की रक्षा करती है, जून माह में अंबुबाची के समय मासिक धर्म से गुज़रती हैं।
      • लोक मान्यता है कि देवी के मासिक धर्म के दौरान पृथ्वी अशुद्ध हो जाती है।
      • इसलिये मासिक धर्म समाप्त होने के बाद पृथ्वी को स्वच्छ करने के लिये अनुष्ठान द्वारा लोगों के पापों को धोने के लिये खर्ची पूजा की जाती है।

    राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 

  मुख्य त्योहार 

  आंध्र प्रदेश 

  मकर संक्रांति, उगादि

  अरुणाचल प्रदेश 

  लोसर, सोलंग, मोपिन, मोनपा त्योहार

  असम

  बिहू

    बिहार 

  छठ पूजा

  छत्तीसगढ़

  माघी पूर्णिमा, बस्तर दशहरा

    गोवा 

  शिग्मो महोत्सव

    गुजरात 

  नवरात्र, उत्तरायन (अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव)

  हरियाणा

  बैसाखी, गुग्गा नौमी

  हिमाचल प्रदेश

  गोची, कुल्लू दशहरा

  जम्मू एवं कश्मीर

  बहु मेला 

  झारखंड 

  सरहुल, करम/करमा

  कर्नाटक

  करगा

  केरल

  ओणम, अडूर गजमेला

  मध्य प्रदेश

  लोकरंग महोत्सव

  महाराष्ट्र 

  गणेश चतुर्थी

  मणिपुर

  याओसांग, हेइकरू, हिटोंगबा, चेईराबा

  मेघालय 

  नोंगक्रेम महोत्सव 

  मिज़ोरम

  चापचर कुट,  

  नगालैंड

  हॉर्नबिल उत्सव, मोत्सु, मिमकुट 

  ओडिशा

  रथयात्रा 

  पंजाब

  लोहड़ी, बैशाखी

  राजस्थान 

  गणगौर, तीज

  सिक्किम

  साकेवा, टेंडोंग ल्हो रम फाट

  तमिलनाडु

  पोंगल

  तेलंगाना

  बतुकम्मा

  त्रिपुरा

  खर्ची पूजा, नीरमहल महोत्सव

  पश्चिम बंगाल 

  दुर्गा पूजा

  उत्तराखंड

माघ मेला

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018) 

परम्परा                                    राज्य

  1. चपचार कूट त्योहार               मिज़ोरम
  2. खोंगजॉम परबा गाथागीत        मणिपुर
  3. थांग-टा नृत्य                        सिक्किम

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? 

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) केवल 2 और 3 

उत्तर: (b) 


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2017) 

परम्परा                                 समुदाय

  1. चलिहा साहिब उत्सव            सिंधियों का
  2. नन्दा राज जात यात्रा          गोंडो का   
  3. वारी-वारकरी                       संथालों का 

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (a)


प्रश्न. प्रत्येक वर्ष कतिपय विशिष्ट समुदाय/जनजाति, पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण, महीने भर चलने वाले, अभियान/त्योहार के दौरान फलदार वृक्षों की पौध का रोपण करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से ऐसे समुदाय/जनजाति हैं? (2014) 

(a) भूटिया और लेप्चा
(b) गोंड और कोर्कू
(c) इरुला और तोडा
(d) सहरिया और अगरिया

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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