कर्नाटक ने सम्मानपूर्वक मरने के अधिकार को मंजूरी दी | 03 Feb 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

कर्नाटक ने सम्मानजनक मृत्यु के अनुरोधों को स्वीकार करने के लिये अस्पतालों में मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की अनुमति दी।

  • यह कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस, 2018 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार किया गया है, जिसमें निष्क्रिय इच्छामृत्यु की कानूनी वैधता को बरकरार रखा गया था।
    • निष्क्रिय इच्छामृत्यु में जीवन-रक्षक उपचारों को रोकना या बंद कर देना शामिल है, जिससे व्यक्ति को अपनी स्थिति से स्वाभाविक रूप से मरने दिया जाता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय का 2023 का आदेश अनुच्छेद 21 के तहत सम्मान के साथ मरण के अधिकार की पुष्टि करता है और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के मानदंडों को सरल बनाता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय दिशा-निर्देश 2023:
    • WLST का प्रत्याहरण: प्राथमिक और द्वितीयक चिकित्सा बोर्ड, लिविंग विल के आधार पर जीवन-रक्षक चिकित्सा (WLST) का प्रत्याहरण किये जाने के अनुरोधों की समीक्षा करेंगे।
    • लिविंग विल: लिविंग विल (एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव) से रोगियों को अपने उपचार संबंधी इच्छाओं को दस्तावेज़ित करने की सुविधा मिलती है, जिससे जीवन के अंतिम निर्णयों में गरिमा सुनिश्चित होती है।
    • अनुमोदन: प्रक्रिया के लिये उपचार करने वाले डॉक्टर, दो मेडिकल बोर्ड (प्रत्येक में तीन चिकित्सक) तथा ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नामित चिकित्सक से अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
    • सहमति: मेडिकल बोर्ड के निर्णय के लिये निकटतम रिश्तेदार की सहमति और प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
    • उन्नत चिकित्सा निर्देश (AMD): AMD के अनुसार यदि रोगी की क्षमता समाप्त हो जाती है, तो स्वास्थ्य देखभाल संबंधी निर्णय लेने के लिये कम-से-कम दो व्यक्तियों की नियुक्ति करना अनिवार्य है।
      • AMD को स्वस्थ मस्तिष्क वाले वयस्कों द्वारा निष्पादित किया जा सकता है , डिजिटल रूप में या दस्तावेज़ पर दर्ज किया जा सकता है, तथा स्वास्थ्य रिकॉर्ड में बनाए रखा जा सकता है।

Right_to_Die _With_Dignity

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