न्यायमूर्ति बी.आर. गवई होंगे भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश | 17 Apr 2025
स्रोत: द हिंदू
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को 52वें CJI के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है।
- न्यायमूर्ति बी.आर. गवई वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन (वर्ष 2007) के बाद दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।
- न्यायमूर्ति बी.आर. गवई द्वारा दिये गए प्रमुख निर्णय: उन्होंने वर्ष 2016 की नोटबंदी को बरकरार रखा और वह उस पीठ का हिस्सा हैं जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को सही ठहराया था।
- वह उस संविधान पीठ का हिस्सा थे जिसने चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत संघ)।
- पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह (2024) मामले में, उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही में "वास्तविक समानता" सुनिश्चित करने के लिये SC/ST पर क्रीमी लेयर सिद्धांत लागू करने की वकालत की।
भारत के मुख्य न्यायाधीश
- मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 124 (2) के तहत की जाती है।
- वरिष्ठतम न्यायाधीश को सेवा की अवधि के आधार पर मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया जाता है (यह एक परिपाटी है, कानूनी आवश्यकता नहीं)।
- मुख्य न्यायाधीश के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिये, 5 वर्षों तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या 10 वर्षों तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया होना चाहिये, या राष्ट्रपति की राय में प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिये।
- मुख्य न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा केवल संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत द्वारा समर्थित अभिभाषण के बाद ही हटाया जा सकता है।
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