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जुपिटर आइसी मून्स एक्स्प्लोरर (JUICE)

  • 24 Aug 2024
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) के जुपिटर आइसी मून्स एक्स्प्लोरर (JUICE) यान ने चंद्रमा और पृथ्वी दोनों के गुरुत्वाकर्षण बलों का त्वरित क्रम में उपयोग करते हुए डबल स्लिंगशॉट कौशल प्रदर्शित किया।

  • JUICE ने पहले चंद्रमा की सतह से 434 मील की दूरी तय की, फिर पृथ्वी की सतह से 4,229 मील की दूरी तय की। चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण ने JUICE के मार्ग में कुछ विचलन उत्पन्न किया, जिसके चलते यान को पृथ्वी से महत्त्वपूर्ण गुरुत्वाकर्षण सहायता प्राप्त हुई।
  • इसे "ग्रेविटी असिस्ट अर्थात् गुरुत्वाकर्षण सहायता" विधि भी कहा जाता है, जो अंतरिक्ष यान की गति और प्रक्षेप पथ को परिवर्तित करने हेतु खगोलीय/आकाशीय पिंडों के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव का उपयोग करके प्रणोदक को सुरक्षित रखती है।
  • स्लिंगशॉट के सफल निष्पादन ने JUICE को तीन अन्य एकल ग्रेविटी असिस्ट (वर्ष 2025 में शुक्र तथा वर्ष 2026 और 2029 में पुनः पृथ्वी) की सहायता से वर्ष 2031 तक बृहस्पति (Jupiter) तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया।

जूस (JUICE) प्रोब:

  • इसे अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य बृहस्पति तथा उसके तीन बड़े बर्फीले उपग्रहों/चंद्रमाओं कैलिस्टो, यूरोपा और गेनीमीड का अन्वेषण करना है।
  • यह बृहस्पति के तीन बड़े बर्फीले उपग्रहों के निकट से उड़ान भरेगा और अंततः गैनीमीड की परिक्रमा कर वहाँ जीवन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
  • नासा द्वारा 1990 के दशक में लॉन्च किये गए गैलीलियो मिशन के बाद, अब ESA के नेतृत्व वाला JUICE मिशन बृहस्पति की परिक्रमा करेगा।
    • बृहस्पति का अध्ययन करने वाले अन्य महत्त्वपूर्ण मिशन हैं- जूनो मिशन (नासा), कैसिनी-ह्यूजेंस (नासा और ESA) और गैलीलियो (नासा)

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