AMR पर जेद्दा प्रतिबद्धताएँ | 18 Nov 2024

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) पर चौथा वैश्विक उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन जेद्दा प्रतिबद्धताओं को अपनाने के साथ जेद्दा, सऊदी अरब में संपन्न हुआ ।

  • जेद्दा प्रतिबद्धताओं ने वर्ष 2030 तक AMR संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये हितधारकों के लिये व्यावहारिक, कार्यान्वयन योग्य और अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को निर्धारित किया है।
  • इसकी थीम, “घोषणा से कार्यान्वयन तक – AMR की रोकथाम के लिये बहुक्षेत्रीय साझेदारी के माध्यम से कार्रवाई में तेज़ी लाना।”

जेद्दा प्रतिबद्धताओं में प्रमुख पहल क्या हैं?  

  • नए केन्द्रों की स्थापना: इसने आवश्यक रोगाणुरोधी और निदान तक पहुँच में वृद्धि करने के लिये सऊदी अरब में एक AMR 'वन हेल्थ' लर्निंग हब के साथ-साथ एक क्षेत्रीय रोगाणुरोधी पहुँच और लॉजिस्टिक्स हब की घोषणा की।
  • बायोटेक ब्रिज पहल: इसमें एक नए 'बायोटेक ब्रिज' के निर्माण का आह्वान किया गया है जिसका उद्देश्य वैश्विक खतरे का समाधान खोजने के लिये अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना है।
  •  AMR पर चतुर्पक्षीय संयुक्त सचिवालय (QJS): इसमें AMR पर QJS की भूमिका पर प्रकाश डाला गया जिसका उद्देश्य, AMR की वृद्धि को रोकने और कम करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है।
  • अन्य प्रमुख कार्यवाहियाँ: 
    • वर्ष 2025 तक AMR के विरुद्ध कार्रवाई पर साक्ष्य के लिये एक स्वतंत्र पैनल की स्थापना।
    • परिचालनात्मक राष्ट्रीय AMR समन्वय तंत्र का निर्माण।
    • GLASS AMR/AMC, ANIMUSE, तथा INFARM जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से वैश्विक डेटा साझाकरण को बढ़ावा देना ।
    • उत्तरदायी रोगाणुरोधी उपयोग के लिये कोडेक्स एलीमेंटेरियस कमीशन के दिशानिर्देशों का पालन करना ।

AMR पर QJS के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • परिचय: चार प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठन - विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH), FAO, UNEP एवं WHO ने AMR पर QJS के माध्यम से AMR की विश्वव्यापी समस्या का सामना करने के लिये सहयोगात्मक प्रयास किया है।
  • स्थापना: इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा तत्कालीन त्रिपक्षीय संगठनों(FAO, WHO, WOAH) के कार्यकारी नेताओं के अनुरोध के बाद की गई थी ।
  • उद्देश्य और भूमिका: यह वैश्विक समर्थन, तकनीकी मार्गदर्शन, राजनीतिक जुड़ाव प्रदान करता है और AMR को संबोधित करने के लिये एक साझा दृष्टिकोण तथा लक्ष्यों को बढ़ावा देता है।
    • यह AMR से संबंधित वैश्विक शासन संरचनाओं के लिये सचिवालय के रूप में कार्य करता है।  
  • मेज़बानी और संचालन: इसकी मेज़बानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा की जाती है
    • इसे AMR (IACG) पर अंतर-एजेंसी समन्वय समूह की सिफारिशों को लागू करने का कार्य सौंपा गया है।

AMR के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: AMR तब होता है जब रोगाणु (बैक्टीरिया, वायरस, कवक, परजीवी) रोगाणुरोधी दवाओं के प्रभावों का प्रतिरोध करने लगते हैं, जिससे उपचार अप्रभावी हो जाता है और गंभीर बीमारी, बीमारी फैलने तथा मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
    • प्रतिरोधी रोगाणुओं को सुपरबग कहा जाता है।
  • AMR के कारण: AMR रोगाणुओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन रोगाणुरोधी दवाओं का दुरुपयोग और अधिक उपयोग जैसी मानवीय गतिविधियाँ इसके प्रसार को तीव्र कर देती हैं।
    • अत्यधिक उपयोग: वायरल संक्रमण के लिये एंटीबायोटिक्स दवाओं का अत्यधिक सेवन।
    • अनुचित उपयोग: बिना देखरेख के एंटीबायोटिक्स लेना या गलत एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना।
    • स्व-चिकित्सा: बचे हुए या बिना डॉक्टर के पर्चे के एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना।
    • उप-चिकित्सीय खुराक: अपर्याप्त एंटीबायोटिक खुराक लेना, जिससे बैक्टीरिया को अनुकूलन करने का मौका मिलता है। 
    • पशुओं में नियमित उपयोग: एंटीबायोटिक्स का उपयोग पशुओं में वृद्धि को बढ़ावा देने या बीमारी को रोकने के लिये किया जाता है, न कि केवल संक्रमण के लिये।
    • मनुष्यों में प्रसार: प्रतिरोधी बैक्टीरिया माँस खाने या पशुओं के संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में स्थानांतरित हो सकते हैं।
  • आर्थिक लागत: विश्व बैंक का अनुमान है कि AMR के कारण वर्ष 2050 तक स्वास्थ्य देखभाल लागत में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है तथा वर्ष 2030 तक वार्षिक GDP में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक की हानि हो सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)   

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? (2019)

  1. कुछ व्यक्तियों में आनुवंशिक पूर्ववृत्ति (जेनेटिक प्रीडिस्पोजीशन) का होना
  2. रोगों के उपचार के लिये प्रतिजैविकों (एंटिबॉयोटिक्स) की गलत खुराकें लेना
  3. पशुधन फार्मिंग में प्रतिजैविकों का इस्तेमाल करना
  4. कुछ व्यक्तियों में चिरकालिक रोगों की बहुलता होना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1 और 2   
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 3 और 4
(d) 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न: क्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के लिये मलेरिया परजीवी के व्यापक प्रतिरोध ने मलेरिया से निपटने हेतु एक मलेरिया वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों को प्रेरित किया है। एक प्रभावी मलेरिया टीका विकसित करना कठिन क्यों है? (2010)

(a) मलेरिया प्लाज़्मोडियम की कई प्रजातियों के कारण होता है।

(b) प्राकृतिक संक्रमण के दौरान मनुष्य मलेरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं करता है।

(c) टीके केवल बैक्टीरिया के खिलाफ विकसित किये जा सकते हैं।

(d) मनुष्य केवल एक मध्यवर्ती मेज़बान है, निर्धारित मेज़बान नहीं है।

उत्तर: (b)