लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

भारत में अफ्रीकन स्वाइन फीवर

  • 02 Aug 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अफ्रीकन स्वाइन फीवर, क्लासिकल स्वाइन फीवर, ICAR, IVRI, WOAH, टीकाकरण

मेन्स के लिये:

पशु-पालन पर स्वाइन फीवर के प्रभाव, पशु स्वास्थ्य के लिये विश्व संगठन की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, केरल के एक निजी सुअर फार्म में पहली बार अफ्रीकी स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है, पिछले दस दिनों में इस बीमारी के कारण फार्म पर 15 से अधिक सूअरों की मृत्यु हो गई ।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर:

african-swine-fever

  • परिचय:
    • अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली सूअरों में होने वाली एक अत्यधिक संक्रामक रक्तस्रावी वायरल (Haemorrhagic Viral) बीमारी है।
    • रोग के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
      • उच्च बुखार
      • अवसाद
      • एनॉरेक्सिया
      • भूख में कमी
      • त्वचा में रक्तस्राव
      • डायरिया।
    • यह पहली बार वर्ष 1920 के दशक में अफ्रीका में पाया गया था।
      • ऐतिहासिक रूप से, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों, दक्षिण अमेरिका और कैरीबियन में संक्रमण की सूचना मिली है।
        • हालाँकि, वर्ष 2007 के बाद से, अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कई देशों में घरेलू और जंगली सूअरों में इस बीमारी की सूचना मिली है।
    • इसमें मृत्यु दर लगभग 95-100% है और इस बुखार का कोई इलाज़ नहीं है, इसलिये इसके प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है।
    • अफ्रीकी स्वाइन फीवर मनुष्य के लिये खतरा नहीं होता है, क्योंकि यह केवल जानवरों से जानवरों में फैलता है।
    • अफ्रीकी स्वाइन फीवर, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) के पशु स्वास्थ्य कोड में सूचीबद्ध एक बीमारी है।
  • नैदानिक संकेत:
    • ASF बीमारी के लक्षण तथा मृत्यु दर वायरस की क्षमता तथा सुअर की प्रजातियों के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।
    • तीव्र रूप में सूअर का तापमान उच्च (40.5 डिग्री सेल्सियस या 105 डिग्री फरेनहाइट) होता है, फिर यह सुस्त हो जाते हैं और अपना भोजन छोड़ देते हैं।
      • ASF के लक्षणों में:
        • उल्टी
        • दस्त (कभी-कभी खूनी)
        • त्वचा का लाल होना या काला पड़ना, विशेष रूप से कान और थूथन
        • श्रमसाध्य साँस लेना और खाँसना
        • गर्भपात, मृत जन्म और कमज़ोर बच्चे
        • कमजोरी और खड़े होने में असमर्थता
      • ASF के लक्षणों में उच्च बुखार, अवसाद, भूख में कमी, त्वचा में रक्तस्राव (कान, पेट और पैरों पर आदि की त्वचा का लाल होना), गर्भपात होना आदि है।
  • प्रसारण:
    • संक्रमित सूअरों, मल या शरीर के तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आना।
    • उपकरण, वाहन या ऐसे लोग जो अप्रभावी जैव सुरक्षा वाले सुअर फार्मों के बीच सूअरों के साथ काम करते हैं, जैसे फोमाइट्स के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क।
    • संक्रमित सुअर का मांँस या मांँस उत्पाद खाने वाले सूअर।
    • जैविक वैक्टर – ऑर्निथोडोरोस प्रजाति के टिक्स।

क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) :

  • क्लासिकल स्वाइन बुखार को हॉग हैजा (Hog Cholera) के नाम से भी जाना जाता है, यह सूअरों से संबंधित एक गंभीर बीमारी है।
  • यह दुनिया में सूअरों से संबंधित आर्थिक रूप से सर्वाधिक हानिकारक महामारी, संक्रामक रोगों में से एक है।
  • यह फ्लेविविरिडे (Flaviviridae) फैमिली के जीनस पेस्टीवायरस के कारण होता है, जो कि इस वायरस से निकटता से संबंधित है जो मवेशियों में ‘बोवाइन संक्रमित डायरिया’ और भेड़ों में ‘बॉर्डर डिज़ीज़’ का कारण बनता है।
  • इसमें मृत्यु दर 100% है।
  • हाल ही में इससे बचने के लिये ICAR-IVRI ने एक ‘सेल कल्चर CSF वैक्सीन (लाइव एटेन्यूटेड या जीवित ऊतक) विकसित की, जिसमें लैपिनाइज़्ड वैक्सीन वायरस का उपयोग एक बाह्य स्ट्रेन के माध्यम से किया गया।
    • नया टीका टीकाकरण के 14 दिन से 18 महीने तक सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रदान करता है।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन

(World Organisation for Animal Health or OIE)

  • यह दुनिया-भर में पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु उत्तरदायी एक अंतर-सरकारी संगठन (Intergovernmental Organisation) है।
  • वर्तमान में कुल 182 देश इसके सदस्य हैं। भारत इसके सदस्य देशों में से एक है।
  • यह नियमों से संबंधित मानक दस्तावेज़ विकसित करता है जिनके उपयोग से सदस्य देश बीमारियों और रोगजनकों से स्वयं को सुरक्षित कर सकते हैं। इसमें से एक क्षेत्रीय पशु स्वास्थ्य संहिता भी है।
  • इसके मानकों को विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा संदर्भित संगठन (Reference Organisation) के अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता नियमों के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • इसका मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में स्थित है।

सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. H1N1 वायरस का उल्लेख प्रायः समाचारों में निम्नलिखित में से किस एक बीमारी के संदर्भ में किया जाता है? (2015)

(A) एड्स

(B) बर्ड फलू

(C) डेंगू

(D) स्वाइन फ्लू

उत्तर:D

व्याख्या:

  • स्वाइन फ्लू (H1N1) वायरस स्वाइन फ्लू से संबंधित है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2009 में H1N1 के कारण होने वाले फ्लू को वैश्विक महामारी घोषित किया था।
  • H1N1 के लक्षणों में बुखार, खाँसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमज़ोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं।
  • स्वाइन इन्फ्लूएंजा जीनोम में 8 अलग-अलग खंडित भाग होते हैं और 11 अलग-अलग प्रकार के प्रोटीनों को इनकोड करते हैं:
    • एनवलप प्रोटीन हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरोमिनिडेस (NA)।
    • वायरल आरएनए पोलीमरेज़ जिसमें PB2, PB1, PB1-F2, PA और PB शामिल हैं।
    • मैट्रिक्स प्रोटीन M1 और M2।
    • गैर-संरचनात्मक प्रोटीन NS1 और NS2, जो रोगजनन और वायरल प्रतिकृति के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • अतः विकल्प D सही है।

स्रोत:द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2