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जन पोषण केंद्र

  • 23 Aug 2024
  • 9 min read

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में भारत सरकार ने गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 60 उचित दर की दुकानों (FPS) को “जन पोषण केंद्रों” में बदलने के लिये पायलट परियोजना की शुरुआत की।

  • इस कदम का उद्देश्य प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लाभार्थियों को उपलब्ध कराए जा रहे पोषण संबंधी सेवाओं में वृद्धि करना है। 
  • इस परियोजना में पारदर्शिता और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिये परिकल्पित कई नए डिजिटल टूल्स और सहायता प्रणालियाँ भी शामिल हैं।

जन पोषण केंद्र पहल क्या है?

  • उद्देश्य: इस पहल के तहत राशन डीलरों के समक्ष आने वाली आय संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिये उचित दर की दुकानें सब्सिडी वाले अनाज के अलावा अतिरिक्त वस्तुओं की बिक्री शुरू करेंगी, साथ ही PMGKAY के तहत लाभार्थियों को उपलब्ध पोषण संबंधी सेवाओं में सुधार होगा।
    • वर्तमान में 0.54 मिलियन FPS, PMGKAY के तहत 800 मिलियन से अधिक लाभार्थियों को औसतन 60-70 मिलियन टन खाद्यान्न प्रतिवर्ष निशुल्क वितरित करते हैं।
      • सरकार को FPS से अतिरिक्त आय की संभावना होती है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग अपनी मासिक पात्रता के अनुसार अनाज लेने के लिये इन दुकानों पर आते हैं।
    • इसके अलावा सरकार का लक्ष्य आगामी तीन वर्षों में लगभग 1,00,000 उचित दर की दुकानों को "पोषण केंद्रों" में परिवर्तित करना है।
  • मुख्य विशेषताएँ: ये केंद्र सब्सिडी वाले अनाज के अलावा दालों और डेयरी उत्पादों सहित पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की विविध शृंखला उपलब्ध कराएंगे।
  • डिजिटल टूल्स: इस पहल में कई नए डिजिटल टूल्स को शामिल किया गया है:
    • FPS सहायता: राशन डीलरों के लिये कागज़ रहित, उपस्थिति रहित और संपार्श्विक मुक्त वित्तपोषण प्रदान करने वाला एक ऐप है।
    • मेरा राशन ऐप 2.0: उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु विकसित ऐप।
    • गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (QMS): यह खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) और भारतीय खाद्य निगम (FCI) में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं के एकीकरण के लिये एक डिजिटल एप्लिकेशन है।
      • QMS खरीद, भंडारण और वितरण के चरणों के दौरान होने वाले सभी प्रमुख लेन-देन को रियल टाइम में रिकॉर्ड करता है।
    • डिजिटल टूल्स तथा नई प्रणालियों की शुरूआत से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में परिचालन दक्षता, पारदर्शिता तथा गुणवत्ता नियंत्रण में वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • अतिरिक्त टूल्स: DFPD ने गुणवत्ता नियंत्रण की एक व्यापक पुस्तिका तैयार की है, जो केंद्रीय पूल के खाद्यान्नों के सख्त गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिये अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं, मानकों, रोडमैप और नीतियों का उचित विवरण प्रदान करती है।
    • इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories-NABL) की मान्यता विभागीय प्रयोगशालाओं के लिये महत्त्वपूर्ण है ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन कर सकें, गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकें और ग्राहकों के विश्वास व संतुष्टि में वृद्धि कर सकें।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) क्या है?

  • PMGKAY, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 के तहत नियमित आवंटन के अलावा निशुल्क खाद्यान्न प्रदान करके निम्न आय वाले परिवारों पर कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिये वर्ष 2020 में शुरू किये गए आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत  केंद्र सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
  • PMGKAY ने शुरुआत में लगभग 80 करोड़ NFSA लाभार्थियों [अंत्योदय अन्न योजना (AAY) एवं प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) सहित] को अतिरिक्त निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया।
    • प्रत्येक AAY के लाभार्थी को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है, जबकि PHH लाभार्थियों को 5 किलोग्राम खाद्यान्न (प्रति व्यक्ति प्रति माह) मिलता है।  
  • इस योजना को अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक 28 महीनों के दौरान सात चरणों में क्रियान्वित किया गया। इस दौरान कुल 1,015 लाख मीट्रिक टन (LMT)  खाद्यान्न वितरित किया गया।
  • पहले दिसंबर 2022 में समाप्त होने वाली इस योजना को दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया था। बाद में 1 जनवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने अगले पाँच वर्षों तक PMGKAY के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को निशुल्क खाद्यान्न वितरण जारी रखने का निर्णय लिया।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अधीन बनाए गए उपबंधों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. केवल वे ही परिवार सहायता प्राप्त खाद्यान्न लेने की पात्रता रखते हैं जो ‘‘गरीबी रेखा से नीचे’’ (बी.पी.एल) श्रेणी में आते हैं।
  2. परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की सबसे अधिक उम्र वाली महिला ही राशन कार्ड निर्गत किये जाने के प्रयोजन से परिवार की मुखिया होगी।
  3. गर्भवती महिलाएँ एवं स्तन्यपान वाली माताएँ गर्भावस्था के दौरान और उसके छ: महीने बाद तक प्रतिदिन 1600 कैलोरी वाला राशन घर ले जाने की हकदार हैं।

उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) 1 और 2   
(b) केवल 2
(c) 1 और 3   
(d) केवल 3

उत्तर: (b)

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