प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 3 सितंबर से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

पश्चिम बंगाल में OBC आरक्षण का मुद्दा

  • 07 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह वर्ष 2010 और 2012 के दौरान मुख्यतः मुस्लिम समुदायों की 77 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत करने  के लिये प्रयोग किये गए मानदंडों को स्पष्ट करे।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य से अनुरोध किया है कि वह इन समुदायों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन तथा सार्वजनिक सेवाओं में उनके प्रतिनिधित्व का आकलन करने के लिये प्रयुक्त सर्वेक्षण विधियों को स्पष्ट करे।
  • मई 2024 में कलकत्ता उच्च न्यायालय (HC) ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (SC और ST के अलावा) (पदों में आरक्षण) अधिनियम, 2012 की विशिष्ट धाराओं को अमान्य करार देते हुए वर्ष 2010 से पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया।
    • उच्च न्यायालय के अनुसार कार्यकारी आदेशों और ज्ञापनों के माध्यम से OBC का वर्गीकरण व उपवर्गीकरण अवैध तथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4) के उल्लंघन हैं।
    • अनुच्छेद 16(4) राज्य को नागरिकों के पिछड़े वर्गों के लिये कुछ नियुक्तियाँ या पद निर्दिष्ट करने की अनुमति देता है, जिन्हें सार्वजनिक सेवाओं में कम प्रतिनिधित्व वाला माना जाता है।

अन्य राज्यों में भी इस प्रकार का धर्म-आधारित आरक्षण :

  • केरल: अपने 30% OBC कोटे के भीतर 8% मुस्लिम कोटा प्रदान करता है। 
  • तमिलनाडु और बिहार: अपने OBC कोटे में मुस्लिम जाति समूहों को भी शामिल करते हैं।
  • कर्नाटक: 32% OBC कोटे के भीतर मुसलमानों के लिये 4% उप-कोटा है।

और पढ़ें: OBC का उप-वर्गीकरण, भारत में आरक्षण

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2