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भारतीय समाज

आरक्षण में वोक्कालिगा, लिंगायतों की हिस्सेदारी

  • 31 Dec 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सामाजिक-सांस्कृतिक सुधार आंदोलन, वोक्कालिगा, लिंगायत, OBC।

मेन्स के लिये:

वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय।

चर्चा में क्यों

हाल ही में कर्नाटक ने दो प्रमुख समुदायों- वोक्कालिगा और लिंगायत को "पिछड़े वर्ग" की श्रेणी से "मामूली रुप से पिछड़े वर्ग" के रूप में वर्गीकृत किया है, इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में उनकी हिस्सेदारी में वृद्धि हो सकती है। 

प्रमुख बिंदु 

  • कर्नाटक में वर्तमान में OBC के लिये आरक्षण 32% है और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण क्रमशः 17% और 7% है, जो कि कुल मिलाकर 56% है।
  • वीरशैव लिंगायत के पंचमसाली उप-संप्रदाय ने 2A श्रेणी में शामिल करने की मांग रखी है, जिसमें 15% आरक्षण है, जबकि उनकी वर्तमान 3B श्रेणी में उन्हें 5% आरक्षण प्राप्त है।
  • पिछड़ा वर्ग के संबंध में मंत्रिमंडल का निर्णय कर्नाटक राज्य आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
  • वोक्कालिगा समुदाय, जो वर्तमान में 3A श्रेणी के अंतर्गत है, को 4% आरक्षण के साथ नव-निर्मित 2C श्रेणी में रखा जाएगा। साथ ही लिंगायत समुदाय, जो 3B श्रेणी में है, अब 5% आरक्षण के साथ एक नई 2डी श्रेणी में आ जाएगा।
  • मंत्रिमंडल के फैसले द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है लिंगायत समुदाय का कोई उप-वर्गीकरण नहीं है।
  • लिंगायत एक प्रमुख समुदाय है जो कर्नाटक की छह करोड़ आबादी का लगभग 17% है,  जिसके बाद वोक्कालिगा समुदाय की आबादी इस संदर्भ में दूसरे स्थान पर है। नई श्रेणियाँ अन्य समुदायों को प्रदान किये गए मौजूदा आरक्षण को प्रभावित नहीं करेंगी।
  • यह आरक्षण केवल शिक्षा और नौकरियों पर लागू होगा, यह "राजनीतिक आरक्षण का दावा नहीं करता।

लिंगायत:

  • परिचय: 
    • लिंगायत शब्द का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है जो दीक्षा समारोह के दौरान प्राप्त लिंग को शरीर पर व्यक्तिगत रूप से धारण करता है जिसे भगवान शिव के एक प्रतिष्ठित रूप मानते हुए धारण किया जाता है।
    • लिंगायत 12वीं सदी के समाज सुधारक-दार्शनिक कवि बसवेश्वर के अनुयायी हैं।
    • बसवेश्वर जाति व्यवस्था और वैदिक कर्मकांडों के खिलाफ थे।
    • लिंगायत कट्टर एकेश्वरवादी हैं। वे केवल एक भगवान, अर्थात् लिंग (शिव) की पूजा करने का आदेश देते हैं।
    • लिंगायतों को "वीरशैव लिंगायत" नामक एक हिंदू उपजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया था और उन्हें शैव माना जाता है।
  • लिंगायतों के लिये अलग धर्म:
    • लिंगायतों ने हिंदू वीरशैव से स्वयं को दूर कर लिया था, क्योंकि हिंदू वीरशैव वेदों का पालन करते थे तथा जाति व्यवस्था का समर्थन करते थे और बसवेश्वर इसके विरूद्ध थे।
    • वीरशैव पाँच पीठों (धार्मिक केंद्र) के अनुयायी हैं, जिन्हें ‘पंच पीठ’ भी कहा जाता है।
    • इन पीठों को आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों के समान ही माना जाता है।

वोक्कालिगा:

  • यह भी माना जाता है कि राष्ट्रकूट और पश्चिमी गंग वोक्कालिगा मूल  के थे। 
  • वोक्कालिगा व्यवसाय के संदर्भ में परिभाषित एक श्रेणी है या एक जातीय श्रेणी हो सकती है; मूल रूप से ये किसान हैं।
  • वोक्कालिगा जाति का उद्भव भारतीय राज्य कर्नाटक में हुआ है। मैसूर की पूर्व रियासत में वोक्कालिगा सबसे बड़ा समुदाय था।
  • उन्होंने प्राचीन मैसूर में योद्धाओं और कृषकों के एक समुदाय के रूप में जनसांख्यिकीय, राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्त्व कायम रखा है। 

समय के साथ OBC आरक्षण की स्थिति:

  • वर्ष 1953 में स्थापित कालेलकर आयोग, राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों की पहचान करने वाला पहला आयोग था।
  • वर्ष 1980 में प्रस्तुत मंडल आयोग की रिपोर्ट में OBC जनसंख्या 52% होने का अनुमान लगाया गया था और 1,257 समुदायों को पिछड़े के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
  • इसने OBC को शामिल करने के लिये मौजूदा कोटा, जो केवल SC/ST के लिये था, को 22.5% से बढ़ाकर 49.5% करने की सिफारिश की।
  • केंद्र सरकार ने OBC के लिये यूनियन सिविल पदों और सेवाओं में 27% सीटें आरक्षित की हैं [अनुच्छेद 16 (4)]। कोटा बाद में केंद्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में लागू किया गया [अनुच्छेद 15 (4)]।
    • वर्ष 2008 में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को OBC के बीच क्रीमी लेयर (उन्नत वर्ग) को बाहर करने का निर्देश दिया।
  • 102वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जो पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय था।

  UPSC सिविल सेवा  परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. क्या कमज़ोर और पिछड़े समुदायों के लिये आवश्यक सामाजिक संसाधनों की रक्षा करके उनके उत्थान के लिये सरकार की योजनाएँ, शहरी अर्थव्यवस्थाओं में व्यवसाय स्थापित करने में उनके बहिष्कार की ओर ले जाती हैं? (2014) 

प्रश्न. एक वैधानिक निकाय से एक संवैधानिक निकाय में परिवर्तन के मद्देनज़र राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (2022) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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