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आईओएनएस समुद्री अभ्यास 2022

  • 31 Mar 2022
  • 5 min read

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) समुद्री अभ्यास 2022 (IMEX-22) का पहला संस्करण गोवा और अरब सागर में आयोजित किया गया था।

IMEX-22:

  • इस अभ्यास में आईओएनएस के 25 सदस्य देशों में से 15 ने भाग लिया।
  • इस अभ्यास का उद्देश्य सदस्य देशों की नौसेनाओं के बीच मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) में अंतर-संचालन को बढ़ाना था।
  • इस अभ्यास को क्षेत्रीय नौसेनाओं के लिये क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध सामूहिक रूप से सहयोग करने और प्रतिक्रिया देने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है एवं यह क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी:

  • आईओएनएस वर्ष 2007 में स्थापित हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय राज्यों की नौसेनाओं के बीच सहयोग और सुरक्षा के लिये एक प्रमुख मंच है।
  • यह एक स्वैच्छिक पहल है जो क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर चर्चा के लिये एक खुला और समावेशी मंच प्रदान करके हिंद महासागर क्षेत्र के तटवर्ती राज्यों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने का प्रयास करती है।
  • हिंद महासागर में 36 तटवर्ती राज्य हैं जिन्हें भौगोलिक रूप से निम्नलिखित चार उप-क्षेत्रों में बाँटा गया है।
    • दक्षिण एशियाई लिटोरल्स- बांग्लादेश, भारत, मालदीव, पाकिस्तान, सेशेल्स और श्रीलंका।
    • पश्चिम एशियाई लिटोरल्स- बहरीन, ईरान, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन।
    • पूर्वी अफ्रीकी लिटोरल्स- कोमोरोस, ज़िबूती, मिस्र, इरिटेरिया, फ्राँस, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, सूडान और तंजानिया।
    • दक्षिण पूर्व एशियाई और ऑस्ट्रेलियाई लिटोरल्स- ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्याँमार, सिंगापुर, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते।
  • इस फोरम ने क्षेत्रीय समुद्री मुद्दों पर चर्चा को सक्षम बनाया है, मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा दिया है और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग में उल्लेखनीय सुधार किया है।
  • यह नौसैनिक पेशेवरों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करता है, ताकि भविष्य की रणनीति निर्धारित की जा सके।

IOR से संबद्ध अन्य महत्त्वपूर्ण समूह/पहल:

  • कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन: भारत, श्रीलंका और मालदीव के त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में वर्ष 2011 में गठित ‘कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन’ (CSC) का विस्तार हो रहा है। इसने हाल ही में चौथे सदस्य के रूप में मॉरीशस को शामिल किया है।
  • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन: इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र के भीतर क्षेत्रीय सहयोग और सतत् विकास को मज़बूत करना है।
  • हिंद महासागर आयोग: हाल ही में भारत को हिंद महासागर आयोग के पर्यवेक्षक के रूप में अनुमोदित किया गया है, हिंद महासागर आयोग एक अंतर-सरकारी संगठन है जो दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर सागरीय-अभिशासन (Maritime Governance) की दिशा में कार्य करता है।
  • सागर पहल (Security and Growth for All in the Region-SAGAR): इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। सागर पहल के माध्यम से भारत अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करने तथा उनकी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण में सहायता करना चाहता है।
  • एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर: एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC) का विचार वर्ष 2016 में भारत और जापान द्वारा जारी संयुक्त घोषणा के दौरान विचार-विमश कर तैयार किया गया था।
  • AAGC को विकास और सहयोग परियोजनाओं, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचे, संस्थागत कनेक्टिविटी, क्षमता एवं कौशल तथा लोगों से लोगों की भागीदारी जैसे चार स्तंभों पर तैयार किया गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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