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भारत ने हरित हाइड्रोजन मानक में उत्सर्जन सीमा निर्धारित की

  • 22 Aug 2023
  • 6 min read

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने हाल ही में एक स्पष्ट ग्रीन हाइड्रोजन मानक को परिभाषित किया है, जो 'हरित' के रूप में वर्गीकृत हाइड्रोजन उत्पादन के लिये उत्सर्जन सीमा निर्धारित करता है।

  • यह महत्त्वपूर्ण विकास भारत को स्थायी ऊर्जा समाधानों की दिशा में वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रखता है।

हरित हाइड्रोजन और इसकी उत्सर्जन सीमा: 

  • हरित हाइड्रोजन की परिभाषा:
    • "हरित हाइड्रोजन" का अर्थ नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन करना है, जिसमें इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास के रूपांतरण के माध्यम से उत्पादन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।
      • नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित विद्युत भी नवीकरणीय ऊर्जा है, जिसे नियमानुसार ग्रिड से जोड़कर अथवा ऊर्जा भंडारण उपकरण में संगृहीत कर रखा जाता है।
  • उत्सर्जन सीमा :
    • MNRE ने निर्धारित किया है कि ग्रीन हाइड्रोजन में पिछले 12 महीने की अवधि में औसत के रूप में लिये गए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन (H2) के बराबर 2 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से अधिक का उत्सर्जन नहीं होना चाहिये।
      • वेल-टू-गेट उत्सर्जन में जल उपचार,विद्युत अपघटन, गैस शुद्धिकरण, शुष्कीकरण और हाइड्रोजन का संपीड़न शामिल है।
    • कार्यप्रणाली और नियंत्रण:
      • MNRE हरित हाइड्रोजन और उसके व्युत्पन्न  की माप, रिपोर्टिंग, निगरानी, ऑन-साइट सत्यापन और प्रमाणन के लिये एक विस्तृत कार्यप्रणाली निर्दिष्ट करेगा।
      • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency- BEE), उर्जा मंत्रालय हरित हाइड्रोजन उत्पादन परियोजनाओं की निगरानी, ​​सत्यापन और प्रमाणन की देख-रेख करने वाली मान्यता प्राप्त एजेंसियों के लिये  केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में काम करेगा।

हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिये भारत की पहलें:

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:
    • भारत ने वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की।
    • यह मिशन लगभग 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य के साथ संरेखित है।
    • यह कार्यक्रम इलेक्ट्रोलाइज़र और हरित हाइड्रोजन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
    • ये प्रोत्साहन त्वरित विस्तार, प्रौद्योगिकी विकास और लागत में कमी लाने की सुविधा के लिये अभिकल्पित किये गए हैं।

  • हरित हाइड्रोजन उपभोग दायित्व: 
    • MNRE ने विद्युत वितरण कंपनियों के लिये नवीकरणीय खरीद दायित्वों की तरह उर्वरक और पेट्रोलियम रिफाइनिंग उद्योग हेतु हरित हाइड्रोजन उपभोग दायित्वों को पेश करने का प्रस्ताव रखा है।
      • इन दायित्वों के लिये उद्योगों को अपनी कुल हाइड्रोजन खपत में हरित हाइड्रोजन के एक निश्चित प्रतिशत का उपभोग करना अनिवार्य हो जाएगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित भारी उद्योगों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. उर्वरक संयंत्र
  2. तेलशोधक कारखाने
  3. इस्पात संयंत्र

उपर्युक्त में से कितने उद्योगों के विकार्बनन में हरित हाइड्रोजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने की अपेक्षा है?

(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

उत्तर: (C)

हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की आवश्यकता:

  • विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन लगभग शून्य उत्सर्जन के साथ ऊर्जा के सबसे स्वच्छ स्रोतों में से एक है। इसका उपयोग कारों के लिये ईंधन सेल या उर्वरक और इस्पात निर्माण जैसे ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में किया जा सकता है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन वातावरण में CO2 के उत्पादन के बिना कच्चे तेल के डीसल्फराइज़ेशन में सहायता कर सकता है, इसलिये यह एक स्वच्छ, ऑन-साइट ग्रीन हाइड्रोजन आपूर्ति प्रदान कर सकता है जो शोधन प्रक्रिया को डीकार्बोनाइज़ करेगा तथा उत्सर्जन को कम करेगा।

अतः विकल्प (C) सही है।


प्रश्न. हरित हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. इसे आंतरिक दहन के लिये ईंधन के रूप में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. इसे प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर ताप या शक्ति जनन के लिये ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. इसे वाहन चालन के लिये हाइड्रोजन ईंधन प्रकोष्ठ में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (c)

स्रोत: पी.आई.बी.

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