रैपिड फायर
भारत द्वारा क्रिटिकल मिनरल्स का अन्वेषण
- 04 Mar 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत क्रिटिकल मिनरल्स को सुरक्षित करने के लिये अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में वैश्विक साझेदारी का विस्तार कर रहा है।
- सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण के लिये 4,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- भारत ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के नेतृत्व में ताँबा-कोबाल्ट अन्वेषण के लिये ज़ाम्बिया में 9,000 वर्ग किमी क्षेत्र हासिल किया है, तथा 2-3 वर्षों में खनन अधिकार मिलने की उम्मीद है।
- कनाडा और चीन के मौजूदा निवेश के साथ ज़ाम्बिया ताँबे के उत्पादन में 7 वें और कोबाल्ट उत्पादन में 14 वें स्थान पर है (वर्ष 2023)।
- भारत क्रिटिकल मिनरल्स परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिये कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, तंज़ानिया, मोज़ाम्बिक और रवांडा के साथ वार्ता कर रहा है।
- भारत पहले से ही दक्षिण अमेरिका (अर्जेंटीना, चिली) और ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है, जहाँ खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) लिथियम और कोबाल्ट परिसंपत्तियों का अन्वेषण कर रहा है।
- क्रिटिकल मिनरल्स वे खनिज हैं जो किसी देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- भारत ने 30 प्रमुख खनिजों की पहचान की है, जिनमें लिथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट, निकल और दुर्लभ मृदा तत्त्व (REE) शामिल हैं।
और पढ़ें: नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन, क्रिटिकल मिनरल्स के लिये भारत का रोडमैप।