प्रारंभिक परीक्षा
भारत-जापान फोरम 2024
- 10 Dec 2024
- 7 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
नई दिल्ली में भारत-जापान फोरम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत तथा जापान के बीच रणनीतिक सेमीकंडक्टर गठबंधन की संभावना पर प्रकाश डाला।
भारत-जापान फोरम 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- सेमीकंडक्टर सहयोग: भारत और जापान वैश्विक आपूर्ति शृंखला में लचीलापन बढ़ाने के लिये अपने सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास पर ध्यान दे रहे हैं।
- भारत और जापान आपूर्ति शृंखला संबंधी जोखिमों को कम करने के साथ चीन पर निर्भरता कम करने के लिए प्रमुख सेमीकंडक्टर हब (ताइवान) के साथ सहयोग कर रहे हैं। यह साझेदारी भारत के सेमीकंडक्टर मिशन संबंधी प्रयासों (जिनका उद्देश्य रणनीतिक कमज़ोरियों को कम करना तथा तकनीकी स्वायत्तता को बढ़ावा देना है) के अनुरूप है।
- इस तरह का सहयोग प्रमुख आपूर्ति शृंखलाओं में चीन के प्रभुत्व का मुकाबला करने तथा दोनों देशों की रणनीतिक स्वायत्तता बढ़ाने के क्रम में व्यापक हिंद-प्रशांत रणनीतियों के अनुरूप है।
- क्वाड का विकास: भारत के विदेश मंत्री ने क्वाड (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका) को पुनर्जीवित करने के साथ इसके विस्तार का श्रेय ट्रंप प्रशासन (2017 से 2021) को दिया।
- ज़िम्मेदारी साझा करने से संबंधित क्वाड के समावेशी "फेयर शेयर" दृष्टिकोण से गठबंधन एवं प्रतिबद्धता संबंधी चिंताओं के प्रति इसके अनुकूलन में वृद्धि होती है। यह नियमित उच्च-स्तरीय बैठकों और वार्षिक शिखर सम्मेलनों के साथ व्यापक अंतर-सरकारी सहयोग के लिए एक मंच के रूप में विकसित हुआ है।
भारत-जापान फोरम
- भारत-जापान फोरम, भारत एवं जापान के राजनेताओं को विचार-विमर्श एवं सहयोग के माध्यम से द्विपक्षीय तथा रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने हेतु एक मंच प्रदान करता है।
- इस फोरम का आयोजन अनंत सेंटर तथा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- अनंत सेंटर एक गैर-पक्षपाती (राजनीतिक पार्टी संबद्धता से मुक्त) संगठन है जो नेतृत्व विकास एवं भारत के परिवर्तन को आगे बढ़ाने से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर खुले विमर्श को बढ़ावा देने हेतु समर्पित है।
- इस फोरम का आयोजन अनंत सेंटर तथा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
- इस फोरम का उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देना, अवसरों का लाभ उठाना, विचारों का आदान-प्रदान करना, आपसी विश्वास का विकास करना तथा भविष्य के सहयोग हेतु एक संयुक्त एजेंडा विकसित करना है। इसमें विमर्श हेतु चैथम हाउस नियमों का पालन किया जाता है।
- चैथम हाउस नियम के तहत प्रतिभागी प्राप्त जानकारी का उपयोग कर सकते हैं लेकिन उनसे वक्ताओं या अन्य प्रतिभागियों की पहचान या संबद्धता का खुलासा न करने की अपेक्षा की जाती है।
चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (QUAD) से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (क्वाड) एक रणनीतिक मंच है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- क्वाड का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना, चीन की आक्रामकता का मुकाबला करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा में सुधार करना है।
- उत्पत्ति: क्वाड की उत्पत्ति वर्ष 2004 की हिंद महासागर सुनामी के बाद हुई जहाँ अमेरिका, जापान, भारत तथा ऑस्ट्रेलिया ने मानवीय सहायता प्रदान की थी।
- इसे औपचारिक रूप से वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो अबे द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन वर्ष 2008 में यह निष्क्रिय हो गया था। चीन के प्रभाव के प्रति क्षेत्रीय दृष्टिकोण में बदलाव के बीच वर्ष 2017 में इस समूह को पुनर्जीवित किया गया और वर्ष 2021 में इसका पहला औपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ।
- कार्य: यह शिखर सम्मेलनों, संयुक्त सैन्य अभ्यासों एवं आर्थिक पहलों के माध्यम से कार्य करता है लेकिन इसमें उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) जैसी औपचारिक संरचना का अभाव है।
- क्वाड और भारत: भारत के लिये यह रणनीतिक एवं आर्थिक लाभ प्रदान करता है (विशेष रूप से चीन का मुकाबला करने और सुरक्षा बढ़ाने में)।
- हालाँकि इसमें असंतुलित सहयोग, निर्णय लेने वाली संस्था का अभाव तथा चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियाँ शामिल हैं।
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