इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

भारत द्वारा अन्य देशों को पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने में मदद

  • 15 Apr 2024
  • 8 min read

स्रोत: द हिंदू

चरम मौसमी घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिये भारत पड़ोसी देशों और छोटे द्वीपीय देशों को पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning Systems- EWS) विकसित करने में सक्रिय रूप से सहायता कर रहा है।

अन्य देशों को मदद करने में भारत की क्या योजना है?

  • परिचय:
    • चूँकि, कई देश पूर्व चेतावनी प्रणाली को स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं, विशेष रूप से वे देश जो गरीब, कम विकसित हैं, उदाहरण के लिये मालदीव और सेशेल्स जैसे छोटे द्वीपीय राष्ट्र।
      • अतएव भारत का लक्ष्य नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश और मॉरीशस जैसे देशों की सहायता करने में प्रमुख भूमिका निभाना है।
  • पूर्व चेतावनी प्रणाली (EWS) विकसित करने में भारत की भूमिका:
    • भारत पाँच देशों को भारत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, तकनीकी सहायता प्रदान करने वालों में भारत तथा अन्य देश शामिल है।
    • भारत साझेदार देशों में मौसम विज्ञान वेधशालाएँ स्थापित करने में भी सहायता करेगा।
    • साझेदार देश भारत के संख्यात्मक मॉडल की सहायता से अपनी पूर्वानुमान क्षमताओं में संवर्द्धन कर सकेंगें।
    • चरम मौसमी घटनाओं पर समयबद्ध प्रतिक्रिया की सुविधा के लिये भारत निर्णय समर्थन प्रणाली/डीसीज़न सपोर्ट सिस्टम बनाने में सहायता करेगा।
    • संचार मंत्रालय संबंधित देशों में डेटा विनिमय और चेतावनी प्रसार प्रणाली स्थापित करने में सहयोग करेगा।

चरम मौसमीय घटनाओं संबंधी हालिया जानकारी:

  • वैश्विक रुझान:
    • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 1970 और 2019 के बीच प्राकृतिक आपदाएँ पाँच गुना से अधिक बढ़ गई हैं, जिसमें जलीय आपदाओं ने विश्वस्तर पर सबसे अधिक हानि पहुँचाई हैं।
  • एशिया पर प्रभाव:
    • वर्ष 2013 से 2022 तक आपदाओं से 146,000 से अधिक मौतों और 911 मिलियन से अधिक लोगों के प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होने के साथ एशिया पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है।
    • मात्र वर्ष 2022 में प्रमुख रूप से बाढ़ और तूफान  के कारण 36 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की आर्थिक क्षति हुई।
  • मानव संसाधन एवं आर्थिक लागत:
    • वर्ष 1970 से 2021 तक मौसम, जलवायु, अथवा जल से संबंधित (सूखा-बाढ़ आदि) लगभग 12,000 आपदाएँ घटित हुईं, जिसके फलस्वरूप 20 लाख से अधिक मौतें हुईं और 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ।
  • जलवायु परिवर्तन की भूमिका:
    • जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि होने की काफी संभावना देता है, जिससे उनका प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • आगामी पूर्वानुमान:
    • यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2030 तक विश्व में सालाना 560 मध्यम से लेकर बड़े स्तर तक की आपदाएँ घटित हो सकती हैं।
  • भारत, एक प्रमुख अभिकर्त्ता:
    • पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मज़बूत बनाने की भारत द्वारा की जा रही पहल प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्त्व को रेखांकित करती है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD):

  • इसकी स्थापना 1875 में हुई थी।
  • यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
  • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
  • यह मौसम संबंधी टिप्पणियों, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये ज़िम्मेदार प्रमुख एजेंसी है।

पूर्व चेतावनी प्रणाली पहल:

  • सभी के लिये पूर्व चेतावनी पहल का नेतृत्त्व विश्व मौसम विज्ञान संगठन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा अन्य भागीदारों के साथ किया जाता है।
  • सभी के लिये पूर्व चेतावनी पहल प्रभावी और समावेशी बहु-खतरा प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली प्रदान करने के लिये चार स्तंभों पर बनाई गई है:
    • आपदा जोखिम की जानकारी और प्रबंधन
    • पता लगाना, अवलोकन, निगरानी, विश्लेषण और पूर्वानुमान
    • चेतावनी प्रसार एवं संचार
    • तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताएँ

UN_specialized_agencies

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. वर्ष 2004 की सुनामी ने लोगों को यह महसूस करा दिया कि गरान (मैंग्रोव) तटीय आपदाओं के विरुद्ध विश्वसनीय सुरक्षा बाड़े का कार्य कर सकते हैं। गरान सुरक्षा बाड़े के रूप में किस प्रकार कार्य करते हैं? (2011)

(a) गरान अनूप होने से समुद्र और मानव बस्तियों के बीच एक ऐसा बड़ा क्षेत्र निर्मित हो जाता है जहाँ लोग न तो रहते हैं, न जाते हैं।
(b) गरान भोजन और औषधि दोनों प्रदान करते हैं जिनकी ज़रूरत प्राकृतिक आपदा के बाद लोगों को पड़ती है।
(c) गरान के वृक्ष घने वितान के लंबे वृक्ष होते हैं जो चक्रवात और सुनामी के समय उत्तम सुरक्षा प्रदान करते हैं।
(d) गरान के वृक्ष अपनी सघन जड़ों के कारण तूफान और ज्वार-भाटे से नहीं उखड़ते।

उत्तर: (d) 


मेन्स:

प्रश्न. भूकंप से संबंधित संकटों के लिये भारत की भेद्यता की विवेचना कीजिये। पिछले तीन दशकों में भारत के विभिन्न भागों में भूकंपों द्वारा उत्पन्न बड़ी आपदाओं के उदाहरण प्रमुख विशेषताओं के साथ कीजिये। (2021)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2