अंतर्राष्ट्रीय संबंध
आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु वैश्विक मंच, 2022
- 19 Jul 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु वैश्विक मंच, यूएन, यूएनजीए, सेंडाई फ्रेमवर्क, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स, ग्रीनहाउस गैस। मेन्स के लिये:आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु वैश्विक मंच , डीआरआर में चुनौतियाँ, आपदा जोखिम में जलवायु परिवर्तन की भूमिका, संबंधित सरकारी पहल। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु वैश्विक मंच, 2022 (GP DRR 2022) इंडोनेशिया में आयोजित किया गया।
- परिणाम को बाली एजेंडा फॉर रिज़िल्यन्स में संक्षेप में प्रस्तुत किया गया था।
वैश्विक मंच, 2022:
- थीम:
- जोखिम से लचीलापन तक: कोविड -19 परिवर्तित दुनिया में सभी हेतु सतत् विकास की ओर।
- परिचय:
- यह कोविड महामारी के बाद से आपदा जोखिम में कमी (DRR) हेतु अभिकर्त्ताओं की पहली वैश्विक सभा थी, जो UNFCCC COP26 और UNFCCC COP27 वार्ता के बीच में ही असफल हो गई।
- यह एक द्विवार्षिक बहु-हितधारक मंच है, जो आपदा जोखिम न्यूनीकरण (2015-2030) के लिये सेंडाई फ्रेमवर्क की निगरानी और कार्यान्वयन प्रक्रिया का महत्त्वपूर्ण घटक है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा इसे मान्यता देती है।
DRR 2022 हेतु वैश्विक मंच का महत्त्व:
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) के लिये पूरे समाज के दृष्टिकोण की आवश्यकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पीछे न छूटे।
- सतत् विकास और सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के लिये 2030 एजेंडा को प्राप्त करने हेतु DRR विकास एवं वित्त नीतियों, कानून तथा योजनाओं के मूल में होना चाहिये।
- वर्तमान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का स्तर उनके शमन से कहीं अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप भयावह घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है।
- DRR और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन का सामान्य उद्देश्य भेद्यता को कम करना और क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ लचीलापन प्रदान करना है।
लचीलेपन के निर्माण हेतु GP 2022 सुझाव
- स्थानीय स्तर पर कार्रवाई, सरकारी समर्थन और कानून एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के सख्त प्रवर्तन के लिये अधिक संसाधन:
- यह केंद्र और राज्य स्तरों पर अधिक-से-अधिक बजटीय आवंटन, राष्ट्रीय/राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि मानदंडों में संशोधन की मांग करता है।
- सामुदायिक स्तर पर ध्यान केंद्रित करते हुए लचीलापन और स्थायी आजीविका के निर्माण पर अधिक ध्यान देना:
- देश में आपदा संभावित क्षेत्रों में ग्रामीण बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने की आवश्यकता है लेकिन आजीविका रिकवरी (जलवायु-लचीला, टिकाऊ आजीविका) और तत्काल ज़रूरतों को पूरा करने की कीमत पर नहीं।
- राहत और पुनर्वास प्रयासों में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता:
- पारदर्शिता बोर्डों को शामिल करने के लिये पारदर्शिता तंत्र को मानकीकृत करने की आवश्यकता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लागत, गुणवत्ता और राहत मदों की मात्रा, सामाजिक लेखापरीक्षा एवं नागरिकों की रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है।
- सरकार और नागरिक समाज दोनों के कार्यकर्त्ताओं द्वारा सभी राहत कार्यों में इसके मानक अभ्यास की आवश्यकता है।
- पारदर्शिता बोर्डों को शामिल करने के लिये पारदर्शिता तंत्र को मानकीकृत करने की आवश्यकता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लागत, गुणवत्ता और राहत मदों की मात्रा, सामाजिक लेखापरीक्षा एवं नागरिकों की रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है।
- अन्य सुझाव:
- दुनिया के अन्य देश कोविड-19 के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
- सबसे कमज़ोर लोगों और उनकी जागरूकता, लामबंदी के साथ-साथ पुनर्निर्माण में नेतृत्व पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- अपने सभी निवेशों में DRR को शामिल कर नीति निर्माताओं को प्रभावित करने के लिये सामुदायिक स्तर पर पर्याप्त आधार होना चाहिये।
- महिलाएँ, दिव्यांग, उपेक्षित वृद्ध, युद्ध और संघर्षों से प्रभावित लोग तथा अनौपचारिक श्रम कुछ ऐसे कमज़ोर समूह वर्ग हैं, जिन्हें संवेदनशीलता के साथ लामबंद करने, नेतृत्त्व और उनकी समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है।
- दुनिया के अन्य देश कोविड-19 के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण:
- वैश्विक स्तर पर:
- सेंडाई फ्रेमवर्क:
- इसे वर्ष 2015 में सेंडाई, मियागी, जापान में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था।
- सेंडाई फ्रेमवर्क ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (HFA) का एक उत्तराधिकारी उपाय है।
- वर्तमान ढाँचा प्राकृतिक या मानव निर्मित खतरों के साथ-साथ संबंधित पर्यावरणीय, तकनीकी और जैविक खतरों तथा जोखिमों के कारण छोटे एवं बड़े पैमाने पर व अचानक और धीमी गति से शुरू होने वाली आपदाओं के जोखिम पर लागू होता है।
- इसका उद्देश्य प्रत्येक स्तर पर साथ ही साथ सभी क्षेत्रों के विकास में आपदा जोखिम के प्रबंधन का मार्गदर्शन करना है।
- जलवायु जोखिम और पूर्व चेतावनी प्रणाली (CREWS):
- विशेष जलवायु जोखिम और पूर्व चेतावनी प्रणाली (CREWS) विश्व मौसम विज्ञान संगठन के तहत एक पहल है, जो अल्प विकसित देशों (LDCs) तथा छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों (SIDS) में मौसम की चेतावनी, जोखिम की जानकारी तक पहुँच के माध्यम से जीवन, संपत्ति एवं आजीविका की रक्षा करती है।
- जलवायु सूचना और पूर्व चेतावनी प्रणाली पर ग्रीन क्लाइमेट फंड की क्षेत्रीय मार्गदर्शिका:
- यह प्रासंगिक क्षेत्र में देश की ज़रूरतों और साक्ष्य-आधारित अनुभवों का अवलोकन प्रदान करता है।
- इसका उद्देश्य उच्च प्रभाव के अवसरों की पहचान करना, प्रत्येक क्षेत्र में निवेश में बदलाव करना, GCF के लिये प्रस्ताव विकास का मार्गदर्शन करना, इसकी पहली पुनःपूर्ति अवधि 2020-2023 के दौरान अपने निवेश मानदंड के अनुकूल करना है।
- सेंडाई फ्रेमवर्क:
- भारत की पहल:
- कोलिसन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर सोसाइटी (CDRIS):
- CDRI राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों तथा वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक व अनुसंधान संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है।
- इसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों के लिये बुनियादी ढांँचा प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ाना है, जिससे सतत् विकास सुनिश्चित हो सके।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP):
- इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं की प्रतिक्रिया का समन्वय करना और आपदा से निपटने एवं संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है।
- यह आपदाओं के लिये समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिये आपदा प्रबंधन हेतु नीतियों, योजनाओं व दिशानिर्देशों को निर्धारित करती है।
- कोलिसन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर सोसाइटी (CDRIS):