रैपिड फायर
भारत ने एशियन डिज़ास्टर प्रीपेयर्डनेस सेंटर की अध्यक्षता संभाली
- 30 Jul 2024
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स्रोत: पी.आई.बी.
भारत ने सत्र 2024-25 के लिये एशियन डिज़ास्टर प्रीपेयर्डनेस सेंटर (ADPC) के अध्यक्ष का पदभार संभाला, जो वैश्विक और क्षेत्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- ADPC एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर केंद्रित है।
- इसकी स्थापना भारत और आठ पड़ोसी देशों: बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड द्वारा की गई थी।
- ADPC एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में कार्य करता है जो न्यासी बोर्ड द्वारा शासित होता है, जिसका मुख्यालय बैंकॉक, थाईलैंड में है और परिचालक देशों में इसके उप-केंद्र हैं।
- भारत ने DRR में, विशेष रूप से आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) की स्थापना के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की अगुवाई की है। भारत आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंदाई फ्रेमवर्क (SFDRR) के लिये प्रतिबद्ध है, जिस पर इसने वर्ष 2015 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये थे।
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 भारत में राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिये कानूनी एवं संस्थागत फ्रेमवर्क स्थापित करता है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) नीति निर्माण के लिये जिम्मेदार शीर्ष निकाय है, जबकि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) राज्य तथा ज़िला स्तर की नीतियों एवं योजनाओं की देखरेख करते हैं।
- प्रमुख संस्थान: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) क्षमता विकास, प्रशिक्षण, अनुसंधान पर केंद्रित है जो NDMA के तहत कार्य करता है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) आपदा रहत के लिये समर्पित विश्व का सबसे बड़ा त्वरित प्रतिक्रिया बल है। यह रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु आपात स्थितियों सहित प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के लिये एक विशेष प्रतिक्रिया बल है। यह NDMA के निर्देशन में कार्य करता है।
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