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गगन सैटेलाइट टेक के साथ हेलीकाप्टर नेविगेशन डेमो

  • 06 Jun 2023
  • 6 min read

भारत ने हेलीकॉप्टरों के लिये प्रदर्शन-आधारित नेविगेशन का एशिया का पहला प्रदर्शन आयोजित करके विमानन क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

  • प्रदर्शन, जिसमें अत्याधुनिक गगन उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया था, मुंबई में जुहू से पुणे की उड़ान के लिये आयोजित किया गया था।  

प्रदर्शन-आधारित नेविगेशन: 

  •  प्रदर्शन-आधारित नेविगेशन (PBN) एयर नेविगेशन की एक आधुनिक अवधारणा है जो उन्नत ऑनबोर्ड नेविगेशन सिस्टम और उपग्रह संकेतों का उपयोग करके विमान को पूर्व निर्धारित मार्ग के साथ सटीक रूप से उड़ान भरने की अनुमति देता है।
  • PNB हवाई यातायात प्रबंधन की सुरक्षा, दक्षता और क्षमता में सुधार करता है तथा ज़मीन आधारित नेविगेशन सहायता पर निर्भरता को कम करता है एवं अधिक लचीला उड़ान पथ की अनुमति देता है।

गगन सैटेलाइट टेक्नोलॉजी 

  • परिचय:  
  • GAGAN, GPS एडेड GEO संवर्द्धित नेविगेशन के साथ, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक अंतरिक्ष-आधारित ऑग्मेंटेशन सिस्टम है।
  • विशेषताएँ:  
    • यह सिस्टम स्थानीय भौगोलिक स्थिति प्रदान करके GPS नेविगेशन के आउटपुट में अधिक सटीकता बढ़ाता है, जिससे अधिक कुशल यातायात प्रबंधन हेतु विमान स्थान की सटीकता में सुधार होता है।
      • यह वायुमंडलीय अस्थिरता, क्लॉक ड्रिफ्ट और कक्षीय विचलन के कारण होने वाली त्रुटियों को ठीक करके GPS संकेतों की सटीकता एवं प्रामाणिकता को बढ़ाता है।
    • यह उपग्रह प्रौद्योगिकी विमान/हेलीकॉप्टर को उन हवाई अड्डों पर निर्देशित लैंडिंग में भी मदद करता है जिनके पास कम दृश्यता संचालन हेतु उपकरण लैंडिंग सिस्टम नहीं है। 
  • लाभ:  
    • सुरक्षा में वृद्धि: सटीक और विश्वसनीय नेविगेशन जानकारी प्रदान करके GAGAN मानवीय त्रुटियों, टक्कर, इलाके में हमलों एवं क्षेत्रों में नियंत्रित उड़ान (Controlled Flight Into Terrain- CFIT) दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करता है।
      • यह पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों हेतु स्थितिजन्य जागरूकता और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं में भी सुधार करता है।
    • बेहतर दक्षता: इष्टतम उड़ान पथ और कम पृथक्करण मानकों की अनुमति देकर GAGAN हवाई क्षेत्र एवं ईंधन के अधिक कुशल उपयोग को सक्षम बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप कम उत्सर्जन तथा परिचालन लागत आती है।
    • क्षमता में वृद्धि: किसी दिये गए हवाई क्षेत्र में समायोजित की जा सकने वाली उड़ानों की संख्या बढ़ाकर, GAGAN विमानन नेटवर्क की क्षमता और कनेक्टिविटी को बढ़ाता है।
    • यह दूरस्थ और कम सेवा वाले क्षेत्रों तक पहुँच को भी सक्षम बनाता है जिनमें पारंपरिक नेविगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होती है या चुनौतीपूर्ण इलाके होते हैं।
      • इसके अलावा GAGAN समुद्री, राजमार्गों और रेलमार्गों सहित परिवहन के सभी साधनों को विमानन से परे लाभ प्रदान करेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित देशों में से किस एक का अपना सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है? (2023)

(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) कनाडा
(c) इजराइल
(d) जापान

उत्तर: d 


प्रश्न.2 भारतीय क्षेत्रीय संचालन उपग्रह प्रणाली (इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम/IRNSS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. IRNSS के तुल्यकाली (जियोस्टेशनरी ) कक्षाओं में तीन उपग्रह है और भूतुल्यकाली (जियोसिंक्रोनस) कक्षाओं में चार उपग्रह हैं। 
  2. IRNSS की व्याप्ति संपूर्ण भारत पर और इसकी सीमाओं के लगभग 5500 वर्ग किलोमीटर बाहर तक है।
  3. 2019 के मध्य तक भारत की पूर्ण वैश्विक व्याप्ति के साथ अपनी उपग्रह संचालन प्रणाली होगी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1  
(b) केवल 1 और 2 
(c) केवल 2 और 3 
(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (a) 


मेन्स

प्रश्न. भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.) की आवश्यकता क्यों है? यह नौपरिवहन में किस प्रकार सहायक है? (2018) 

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

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