प्रारंभिक परीक्षा
भारत में सार्वभौमिक पहुँच हेतु सुसंगत दिशा-निर्देश और स्थान संबंधी मानक
- 16 Jun 2023
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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा बनाए गए भारत में सार्वभौमिक पहुँच के लिये सुसंगत दिशा-निर्देश और स्थान संबंधी मानक- 2021 को RPwD (संशोधन) नियम, 2023 में संशोधित किया गया है।
भारत में सार्वभौमिक पहुँच हेतु सुसंगत दिशा-निर्देश और स्थान संबंधी मानक- 2021:
- यह भारत में दिव्यांग व्यक्तियों (PwD) के लिये भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार और अन्य सुविधाओं तथा सेवाओं को सुलभ बनाने हेतु नियमों और मानकों का एक समूह है।
- या वर्ष 2016 में जारी दिशा-निर्देश में दिव्यांग व्यक्तियों और बुजुर्गों के लिये बाधा मुक्त वातावरण निर्मित करने हेतु संशोधित सामंजस्यपूर्ण दिशा-निर्देशों और स्थान संबंधी मानक है।
- पहले दिशा-निर्देश बाधा मुक्त वातावरण बनाने के लिये थे लेकिन अब सार्वभौमिक पहुँच पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- ये दिशा-निर्देश केवल दिव्यांग व्यक्तियों (Persons with Disabilities- PwD) हेतु ही नहीं हैं, बल्कि सरकारी भवनों के निर्माण से लेकर शहरों की मास्टर-प्लानिंग तक परियोजनाएँ बनाने में शामिल लोगों के लिये भी हैं।
- इन दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन हेतु आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) नोडल मंत्रालय है।
भारत में पीडब्ल्यूडी से संबंधित विधायी ढाँचा:
- भारत ने वर्ष 2007 में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities- CRPD) की पुष्टि की और दिसंबर 2016 में दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम को पारित किया जो वर्ष 2017 में लागू हुआ।
- RPwD अधिनियम, 2016 के अनुसार, 21 प्रकार की विकलांगताओं को मान्यता दी गई है।
- PwD अधिनियम, 2016 की धारा 40 के अनुसार, केंद्र सरकार मुख्य आयुक्त (PwD हेतु) के परामर्श से दिव्यांग व्यक्तियों के लिये नियम बनाती है, जिसमें उचित प्रौद्योगिकियों एवं प्रणालियों तथा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं और सेवाओं सहित भौतिक पर्यावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार हेतु पहुँच के लिये मानक निर्धारित किये जाते हैं।
- इसके तहत "सुगम्य भारत अभियान" (एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन) जैसी कई पहलें की जा रही हैं।
- अन्य पहलें:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत लाखों विकलांग व्यक्तियों का घर है। कानून के तहत उन्हें क्या लाभ उपलब्ध हैं? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. क्या निःशक्त व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 समाज में अभीष्ट लाभार्थियों के सशक्तीकारण और समावेशन की प्रभावी क्रियाविधि को सुनिश्चित करता है? चर्चा कीजिये।(2017) |