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भारतीय विधायिका में गिलोटिन

  • 25 Mar 2023
  • 3 min read

संसद में गतिरोध के कारण सरकार अनुदान मांगों को गिलोटिन कर सकती है और बिना किसी चर्चा के वित्त विधेयक पारित कर सकती है।

  • कानूनी शब्दावली में "गिलोटिन" शब्द का वास्तव में क्या अर्थ है इस बारे में इसने अनिश्चितता और संदेह की स्थिति उत्पन्न की है।

गिलोटिन

  • गिलोटिन शब्द मूल: सिर काटकर मृत्युदंड देने हेतु डिज़ाइन किये गए उपकरण को संदर्भित करता है।
    • यह फ्राँसीसी क्रांति के दौरान फ्राँस में मृत्युदंड को अधिक विश्वसनीय और कम दर्दनाक बनाने के लिये पेश किया गया था।
  • विधायी बोलचाल में गिलोटिन का अर्थ है एक साथ समूह बनाना और वित्तीय विधेयक को पारित करने में तेज़ी लाना। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में यह काफी सामान्य प्रक्रिया है।
    • एक बार गिलोटिन लागू हो जाने के बाद अनुदान की शेष मांगों को बिना किसी चर्चा के मतदान के लिये रखा जाता है।
    • यह सुनिश्चित करता है कि आवंटित समय के भीतर बजट पारित हो जाए और सरकार बिना किसी देरी के अपना काम जारी रख सके।

गिलोटिन संसदीय प्रक्रिया:

  • बजट पेश किये जाने के बाद संसद में लगभग तीन सप्ताह का अवकाश रहता है, इस दौरान सदन की स्थायी समितियाँ विभिन्न मंत्रालयों के लिये अनुदान की मांगों पर विचार करती हैं एवं रिपोर्ट तैयार करती हैं।
  • कभी-कभी समय की कमी को देखते हुए सदन सभी मंत्रालयों की व्यय मांगों पर विचार नहीं कर पाती है; इसलिये कार्य मंत्रणा समिति चर्चा के लिये कुछ महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों की पहचान करती है; आमतौर पर गृह, रक्षा, विदेश मंत्रालय, कृषि, ग्रामीण विकास और मानव संसाधन विकास मंत्रालय।
  • सदन में वाद-विवाद समाप्त हो जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष "गिलोटिन" लागू करता है, और समय बचाने के लिये अनुदान संबंधी सभी लंबित मांगों (जिन पर चर्चा हुई हो या नहीं हुई हो) तथा विधेयक/संकल्प के अविचारित खंडों पर एक ही बार में मतदान किया जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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