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सरकार द्वारा शिपिंग संबंधी चुनौतियों को हल करने हेतु प्रस्तावित उपाय

  • 23 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: पीआईबी

 केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित अंतर-मंत्रालयी बैठक में बढ़ती वस्तु परिवहन लागत, कंटेनर की कमी और बंदरगाहों पर भीड़भाड़ से संबंधित चिंताओं पर विचार किया गया।

  • बैठक के मुख्य निर्णय: जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (JNPA) में खाली कंटेनरों को 90 दिनों तक मुफ्त भंडारण की अनुमति देने जैसे उपायों के साथ शिपिंग लागत में कमी करना।
    • नवी मुंबई में स्थित JNPAएक प्रमुख कंटेनर बंदरगाह है, जो भारत के लगभग 50% कंटेनर कार्गो को प्रबंधित करता है। यह विश्व के शीर्ष 100 कंटेनर बंदरगाहों में 26 वें स्थान पर है और 200 से अधिक वैश्विक बंदरगाहों से जुड़ा है।
  • नवरत्न कंपनी कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) ने लोडिंग, हैंडलिंग और भंडारण शुल्क में कटौती की है।
  • शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) ने कंटेनर क्षमता को 9,000 ट्वेंटी-फीट एकुइवेलेंट इकाइयों (TEU) तक बढ़ाने के लिये जहाज़ो को किराए पर लेने की घोषणा की, साथ ही पाँच और कंटेनर जहाज़ो को हासिल करने की योजना बनाई।
  • केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा बंदरगाहों पर दो 20 फीट कंटेनरों की एक साथ स्क्रीनिंग के माध्यम से तीव्र कस्टम क्लीयरेंस की दिशा में कदम उठाया गया।
  • अवैध मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने और नकद लेन-देन को रोकने के लिये निजी कंटेनर यार्डों को अब GST अधिकारियों के पास पंजीकरण कराना होगा।
  • मालवाहक संघों और निर्यातकों ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के उपायों से रसद संबंधी बाधाएँ दूर होंने के साथ व्यापार प्रवाह बढ़ेगा।

और पढ़ें: कंटेनर पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (CPPI) 2023

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