वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2025 | 17 Jan 2025
स्रोत: लाइव मिंट
चर्चा में क्यों?
विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा 20वीं वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2025 जारी की गई।
नोट: वैश्विक जोखिम रिपोर्ट WEF द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह अल्पकालिक (2 वर्ष) और दीर्घकालिक (10 वर्ष) अवधि में प्रत्याशित सबसे अधिक दबाव वाले वैश्विक जोखिमों का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
- वैश्विक जोखिम किसी घटना द्वारा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद, जनसंख्या या प्राकृतिक संसाधनों को महत्त्वपूर्ण रूप से नुकसान पहुँचाने की संभावना है।
वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2025 के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- भारत के लिये शीर्ष जोखिम: रिपोर्ट में भारत के लिये शीर्ष पाँच जोखिमों पर प्रकाश डाला गया है जिनमें जल आपूर्ति की कमी, झूठी जानकारी और भ्रामक प्रचार, मानव अधिकारों तथा नागरिक स्वतंत्रता का हनन, प्रदूषण (वायु, जल और मिट्टी), और श्रम एवं प्रतिभा की कमी शामिल हैं।
- शीर्ष वैश्विक जोखिम:
- तात्कालिक जोखिम (अगले 2 वर्ष): झूठी और भ्रामक जानकारी, चरम मौसम की घटनाएँ और राज्य आधारित सशस्त्र संघर्ष।
- दीर्घकालिक जोखिम (अगले 10 वर्ष): चरम मौसम की घटनाएँ, जैव विविधता की हानि और पारिस्थितिकी तंत्र का पतन तथा पृथ्वी प्रणालियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन।
- भू-राजनीतिक सहयोग: बढ़ती अमेरिकी-चीन प्रतिद्वंद्विता के बीच भारत और खाड़ी देश प्रमुख बहुपक्षीय विकल्प के रूप में उभर रहे हैं, जो तनाव कम करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये पश्चिम और पूर्व के बीच एक मार्ग का कार्य कर रहे हैं।
- व्यापार संरक्षणवाद: अमेरिका का मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम, 2022 और भारत में मेक इन इंडिया भू-आर्थिक टकराव तथा व्यापार संरक्षणवाद की बढ़ती प्रवृत्ति को उज़ागर करता है।
- सब्सिडी और औद्योगिक नीति जैसी गैर-टैरिफ बाधाएँ संरक्षणवाद के प्रमुख चालक के रूप में उभर रही हैं।
- बहुपक्षीय समाधान: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक विश्वास में कमी और जलवायु संकट के लिये सीमाओं के पार सहयोग प्राप्त करने हेतु बहुपक्षीय समाधान की आवश्यकता है।
विश्व आर्थिक मंच (WEF)
- परिचय: WEF सार्वजनिक-निजी सहयोग पर केंद्रित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
- इसमें अनेक वैश्विक नेता शामिल होते हैं जो उद्योगों, क्षेत्रों और वैश्विक स्तर की कार्यसूची तैयार करते हैं।
- स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 1971 में क्लॉस श्वाब द्वारा यूरोपीय प्रबंधन फोरम के रूप में की गई थी और WEF शेयरधारकों के लिये न केवल अल्पकालिक लाभ पर बल्कि सभी हितधारकों के लिये दीर्घकालिक लाभ पर ज़ोर देता है।
- विकास: 1973 में, WEF ने आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर कार्य किया। इसने वर्ष 1975 में विश्व की अग्रणी 1,000 कंपनियों के लिये सदस्यता शुरू की।
- वर्ष 1987 में इसे विश्व आर्थिक मंच का नाम दिया गया, जिससे संवाद के लिये एक मंच के रूप में इसकी भूमिका व्यापक हो गई। वर्ष 2015 में इसे एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में मान्यता दी गई।
- प्रमुख रिपोर्टें: WEF द्वारा जारी की जाने वाली प्रमुख रिपोर्ट हैं- वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक, ऊर्जा संक्रमण सूचकांक, वैश्विक जोखिम रिपोर्ट और वैश्विक यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. वैश्विक प्रतियोगित्व रिपोर्ट कौन प्रकाशित करता है? (2019) (a) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा विश्व के देशों के लिये 'सार्वभौमिक लैंगिक अंतराल सूचकांक' का श्रेणीकरण प्रदान करता है? (2017) (a) विश्व आर्थिक मंच उत्तर: (a) |