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कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी

  • 22 Nov 2022
  • 6 min read

हाल ही में जापान में आयोजित तीसरे वार्षिक शिखर सम्मेलन में निवर्तमान परिषद अध्यक्ष, फ्राँस द्वारा वर्ष 2022-23 के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई।

  • यह घटनाक्रम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद हुआ है।

वार्षिक GPAI शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • टोक्यो इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला पहला एशियाई शहर है।
  • बैठक में निम्नलिखित चार विषयों पर चर्चा की गई:
    • ज़िम्मेदार AI,
    • डेटा शासन,
    • काम का भविष्य,
    • नवाचार और व्यावसायीकरण।
  • AI पर राष्ट्रीय कार्यक्रम और एक राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पॉलिसी (NDGFP) के निर्माण के संदर्भ के साथ ही भारत ने AI के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करने के लिये इसके कुशल उपयोग हेतु अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
    • NDGFP का उद्देश्य गैर-व्यक्तिगत डेटा तक समान पहुँच सुनिश्चित करना और सरकारी डेटा साझाकरण के लिये संस्थागत ढाँचे में सुधार करने, डिज़ाइन द्वारा गोपनीयता और सुरक्षा के आसपास सिद्धांतों को बढ़ावा देने तथा उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI):

  • परिचय:
    • इसे पंद्रह सदस्य देशों के साथ जून, 2020 में लॉन्च किया गया था।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता में वैश्विक भागीदार को G7 के भीतर विकसित एक विचार के परिणाम' के रूप में वर्णित किया गया है।
    • उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये इस पहल के तहत AI से संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और अनुप्रयुक्त गतिविधियों की सहायता से AI के संबंध में सिद्धांत (Theory) और व्यवहार (Practice) के बीच मौजूद अंतर को समाप्त करने की कोशिश की जाएगी।
    • यह पहल विज्ञान, उद्योग, नागरिक समाज, सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय निकायों और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर एक साथ लाकर कृत्रिम बुद्धिमता पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा प्रदान करती है।
  • सदस्य देश:
    • वर्तमान में GPAI में सदस्य देशों की संख्या 25 हैं:
      • ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्राँस, जर्मनी, भारत, आयरलैंड, इज़रायल, इटली, जापान, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, पोलैंड, कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया), सिंगापुर, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU)।
    • संस्थापक देश:
      • ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मेक्सिको, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, स्लोवेनिया, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता

  • परिचय:
    • यह उन कार्यों को पूरा करने वाली मशीनों की कार्रवाई का वर्णन करता है जिनके लिये ऐतिहासिक रूप से मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।
    • इसमें मशीन लर्निंग, पैटर्न रिकग्निशन, बिग डेटा, न्यूरल नेटवर्क्स, सेल्फ एल्गोरिदम आदि जैसी प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।
    • उदाहरण: मनुष्यों के आदेशों को समझने और मानव जैसे कार्यों को करने के लिये लाखों एल्गोरिदम और कोड हैं। अपने उपयोगकर्त्ताओं के लिये फेसबुक के सुझाए गए दोस्तों की सूची, एक पॉप-अप पेज, जो पसंदीदा ब्रांड के जूते और इंटरनेट ब्राउज़ करते समय स्क्रीन पर कपड़ों की आगामी बिक्री के बारे जानकारी देना इत्यादि, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कार्य है।
    • AI प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है और मानवीय त्रुटि को कम करता है लेकिन AI की प्रमुख सीमा यह है कि यह डेटा से सीखता है। इसका मतलब है कि डेटा में  भी प्रकार की अशुद्धि परिणाम में देखी जा सकती है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में अपेक्षित योगदान:
    • AI से वर्ष 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2025 तक भारत की GDP में 450-500 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर GDP लक्ष्य का 10% है।

AI से संबंधित पहल:

स्रोत: मिंट

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