गेवरा और कुसमुंडा विश्व की सबसे बड़ी कोयला खदानों में शामिल | 19 Jul 2024
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की गेवरा और कुसमुंडा कोयला खदानों ने WorldAtlas.com द्वारा जारी विश्व की 10 सबसे बड़ी कोयला खदानों की सूची में क्रमशः द्वितीय एवं चतुर्थ स्थान हासिल किया है।
- छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में स्थित ये दो खदानें सालाना 100 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन करती हैं, जो भारत के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 10% है।
- गेवरा SECLकी मेगाप्रोजेक्ट्स में से एक है एवं वित्त वर्ष 2022-23 के लिये वार्षिक उत्पादन 52.5 मिलियन टन और वित्त वर्ष 2023-24 में 59 मिलियन टन तक पहुँचने के साथ वर्ष 2023 में देश की सबसे बड़ी कोयला खदान बन गई। वित्त वर्ष 2023-24 में कुसमुंडा खदान से 50 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन हुआ।
- ये खदानें बिना विस्फोट के पर्यावरण-अनुकूल कोयला निष्कर्षण के लिये "सरफेस माइनर" जैसी उन्नत खनन मशीनों का उपयोग करती हैं।
- अधिभार हटाने (कोयले की परत को उजागर करने के लिये मिट्टी, पत्थर आदि की परतों को हटाने की प्रक्रिया) के लिये, खदानें पर्यावरण के अनुकूल और विस्फोट-मुक्त ओबी हटाने के लिये वर्टिकल रिपर्स के साथ-साथ विश्व की कुछ सबसे बड़ी HEMM (हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी) का उपयोग करती हैं।
- कोल इंडिया लिमिटेड एक महारत्न कंपनी है, जिसकी स्थापना नवंबर 1975 में की गई थी एवं तब से यह विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक बन गई है। यह वर्ष 1973 के कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम के तहत काम करती है, जो इसे देश में कोयला खनन और वितरण पर एकाधिकार देता है।
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