राज्य-स्वामित्व वाली मीडिया हेतु चुनाव नियम | 24 May 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दो विपक्षी नेताओं ने एक राज्य-स्वामित्व वाले मीडिया चैनल पर चल रहे लोकसभा चुनावों के दौरान उनके भाषणों को सीमित करने का आरोप लगाया।
- हालाँकि, प्रसार भारती के अधिकारी के अनुसार, टेलीविज़न और रेडियो नेटवर्क चुनावों के दौरान मान्यता प्राप्त दलों द्वारा राज्य मीडिया के उपयोग के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India- ECI) द्वारा निर्धारित नियमों का पालन कर रहे थे।
राज्य-स्वामित्व वाले मीडिया का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों के लिये क्या नियम हैं?
- राज्य मीडिया पर समय का आवंटन:
- वर्ष 1998 के लोकसभा चुनावों के बाद से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चुनावों के दौरान राज्य के स्वामित्व वाले टेलीविज़न और रेडियो का स्वतंत्र रूप से उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
- चुनाव अभियान शुरू होने से पहले ECI प्रत्येक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल के लिये समय आवंटन तय करता है।
- राष्ट्रीय दलों को सामूहिक रूप से दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर न्यूनतम 10 घंटे और क्षेत्रीय चैनलों पर 15 घंटे मिलते हैं। उन्हें आकाशवाणी के राष्ट्रीय हुक-अप पर 10 घंटे और क्षेत्रीय आकाशवाणी स्टेशनों पर 15 घंटे भी दिये जाते हैं।
- राज्य दलों को क्षेत्रीय दूरदर्शन चैनलों और आकाशवाणी रेडियो स्टेशनों पर न्यूनतम 30 घंटे मिलते हैं।
- भाषण सामग्री पर दिशानिर्देश:
- राजनीतिक दलों और वक्ताओं को संबंधित ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio- AIR) और दूरदर्शन (Doordarshan- DD) अधिकारियों द्वारा अनुमोदन हेतु 3-4 दिन पूर्व भाषण प्रतिलेख जमा करना होगा।
- ECI के निषेधात्मक दिशानिर्देश:
- अन्य देशों की आलोचना;
- धर्मों या समुदायों पर वाक् हमला;
- अश्लील या अपमानजनक विषय-वस्तु;
- हिंसा भड़काना;
- न्यायालय की अवमानना;
- राष्ट्रपति और न्यायपालिका के विरुद्ध आक्षेप;
- राष्ट्रीय एकता और अखंडता को प्रभावित करने वाले कारक;
- नाम लेकर व्यक्तियों की आलोचना करना
नोट:
- ECI ने वर्ष 2024 के चुनावों के लिये छह राष्ट्रीय दलों और 59 राज्य दलों को प्रसारण का समय आवंटित किया। राष्ट्रीय दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर 4.5 घंटे मिले, बाकी 5.5 घंटे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके वोट शेयर के आधार पर मिले।
प्रसार भारती:
- यह वर्ष 1997 में प्रसार भारती अधिनियम के तहत स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है। यह देश का सार्वजनिक सेवा प्रसारक भी है।
- इसमें दो मुख्य विंग शामिल हैं:
- ऑल इंडिया रेडियो (AIR): देशभर में स्टेशनों के विशाल नेटवर्क वाला राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक।
- दूरदर्शन (DD): राष्ट्रीय टेलीविज़न प्रसारक, जो राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय प्रोग्रामिंग का मिश्रण पेश करता है।
- AIR और DD पूर्व में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयाँ थीं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |